लगातार चौथी बार RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ये 6.5% पर जस का तस रहेगा। इसका मतलब कि आपकी EMI नहीं बढ़ेगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के फैसलों की जानकारी दी।RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट बढ़ाई थी। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है।
RBI गवर्नर ने बताया कि एमपीसी के सभी सदस्य दरों को स्थिर रखने के पक्ष में थे। गवर्नर ने कहा कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और RBI ने महंगाई को 2-6% के बीच नहीं बल्कि 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है।
आरबीआई गवर्नर दास ने MPC बैठक के नतीजे घोषित करते हुए कहा कि सब्जियों की कीमत कम होने और रसोई गैस सिलेंडर के दाम में घटने से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति में नरमी आएगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सितंबर में महंगाई में गिरावट आ सकती है। हाई उहाई इन्फ्लेशन रेट इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए खतरा है। रीपो रेट में बढ़ोतरी का असर अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है।
RBI ने महंगाई और GDP अनुमान भी जारी किया
RBI गवर्नर ने महंगाई अनुमान और GDP अनुमान भी जारी किया है। FY24 के लिए महंगाई अनुमान को 5.4% पर बरकरार रखा है। पिछली मीटिंग में इसे 5.1% से बढ़ाकर 5.4% किया था। RBI गवर्नर ने कहा कि सितंबर में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है।
FY24 में रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। वहीं FY25 की पहली तिमाही के लिए भी रियल GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा है। RBI गवर्नर ने कहा कि जियोपॉलिटिकल संकट के चलते ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती है।
महंगाई ने किया था मजबूर
कोरोना महामारी के बाद आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक ने लगातार रीपो रेट को कम किया था। उस समय मुख्य नीतिगत ब्याज दर को घटाकर 4 फीसदी कर दिया गया था। लंबे समय तक रेपो रेट 4 फीसदी बनी रही थी। हालांकि बाद में रिजर्व बैंक को महंगाई के बेकाबू हो जाने और अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व समेत तमाम सेंट्रल बैंकों के द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के बाद रेपो रेट को बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा था।