पंजाब में हाल ही में हुई पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने असंतुष्ट उम्मीदवारों को चुनाव याचिका दायर करने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि जिन उम्मीदवारों का नामांकन खारिज हो गया है कि वे हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका (Review Petition) दायर कर सकते है।
3000 सरपंचों को सर्वसम्मति से चुना गया था जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना हैरान हैं। उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य चुनाव आयोग 6 महीने के अंदर चुनाव याचिका पर फैसला ले सकता है। पंजाब में 15 अक्टूबर को पंचायत चुनाव हुए थे। जबकि 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से मना कर दिया था। हालांकि पंचायत चुनाव के खिलाफ 800 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट पहुंची थी।
जारी किया था नोटिस
CJI संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने पहले कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द करने और अन्य चुनावी अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था। पीठ ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति चुनाव आयोग के समक्ष चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं और आयोग को छह महीने के भीतर उन पर फैसला करना होगा।
हाईकोर्ट में कर सकते है शिकायत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन उम्मीदवारों का नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया है या फाड़ दिया गया है, वे अपनी शिकायत लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भी जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीमा अवधि के उल्लंघन के आधार पर उनकी याचिकाएं खारिज नहीं की जा सकतीं।
CJI बोले- मैंने ऐसे आंकड़े कभी नहीं देखे
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट को बताया गया कि 13,000 से ज्यादा पंचायत पदों में से 3,000 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं, तो चीफ जस्टिस हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि यह बहुत अजीब था! "मैंने ऐसे आंकड़े कभी नहीं देखे। यह बहुत बड़ी संख्या है।"