छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सोमवार को सतनामी समुदाय के प्रदर्शन जमकर हंगामा किया। हजारों की भीड़ ने कलेक्टर कार्यालय को घेर लिया। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके बाद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद लोगों की पुलिस और कर्मचारियों के साथ झड़प भी हुई।
जानकारी के मुताबिक 20-25 दिन पहले कस्बे के गिरौधपुरी में सतनामी समुदाय का धार्मिक स्थल अमर गुफा में जैतखाम को काट दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। बता दें कि सबसे बड़ा जैतखाम(धव्ज) छत्तीसगढ़ में है। इसकी ऊंचाई 77 मीटर तक है।
पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया था
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर परिसर तहसील कार्यालय में आग लगा दी। कई कार वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
क्या हैं पूरा मामला?
ये पूरा मामला सतनामी समाज के गुस्से से जुड़ा हुआ है. इसी समाज के लोग यहां प्रदर्शन करने पहुंचे थे। दरअसल बलौदा बाजार के गिरौदपुरी के महकोनी गांव में संत अमरदास तपोभूमि को इस समाज द्वारा काफी पूजा जाता है। बीते दिनों यहां कुछ बदमाशों ने हमला किया था और सतनामी समाज के पवित्र प्रतीक माने जाने वाले जैतखाम को काट दिया था। इसके बाद से ये समाज लगातार गुस्से में चल रहा था। इस काम को करने वालों की गिरफ्तारी को लेकर सतनामी समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे थे।
क्या हैं जैतखाम
जैतखाम जैसा की नाम से स्पष्ट है कि जैत यानी जय और खाम यानी खंभा।अर्थात जय खंभ। जैतखाम यह छत्तीसगढ़ की बोली भाषा का शब्द है। जैतखाम मूलरूप से सतनामी पंथ के ध्वज का नाम है जो उनके संप्रदाय का प्रतिक है। साथ यह उनके कार्य, विजय, पवित्रता ओर आस्था से जुड़ा हुआ है।