Popular car going to celebrate golden jubilee : नया साल 2025 शुरू होने में अब कुछ ही घंटों का समय बचा है। इसी के साथ दुनिया की एक पॉपुलर कार अपनी गोल्डन जुबली भी मनाने जा रही है। यहां बात हो रही है फॉक्सवैगन पोलो की, जो 2025 में 50 साल की हो जाएगी। भारतीय बाजार में ये करीब 12 साल तक बनी रही, फिर ऐसा क्या हुआ कि कंपनी ने इसे बंद कर दिया। चलिए जानते हैं इस कार का पूरा सफर…
1975 में लॉन्च हुई हैचबैक
फॉक्सवैगन की छोटी कारों में सबसे ज्यादा पॉपुलर कार ‘बीटल’ रही, लेकिन 1970 के दशक तक आते-आते कंपनी को इसके अल्टरनेटिव की तलाश थी। फॉक्सवैगन ने तब 1973 में ‘Passat’ और 1974 में ‘Golf’ जैसी कार लॉन्च की और फिर 1975 में ‘Polo’ आई, जिसने आते ही मार्केट में तहलका मचा दिया।
Audi 50 पर बेस्ड कार थी
फॉक्सवैगन पोलो असल में Audi 50 पर बेस्ड कार थी। इसमें कंपनी ने फ्रंट व्हील ड्राइव इंजन दिया था। देखते ही देखते ये कार भी बीटल की तरह पॉपुलर कार बन गई। साल 1981 तक इस कार में छोटे-मोटे बदलाव होते रहे। सेकेंड जेनरेशन मॉडल आया। कंपनी ने नया इंजन लगाया, केबिन स्पेस बेहतर बनाया और एक कूपे वर्जन भी निकाला, जिसकी कुछ लिमिटेड कार ही मार्केट में आई।
80 के दशक में थे एयरबैग्स
भारत में अब जाकर 6 एयरबैग्स की कारें बनना शुरू हुई हैं। सोचिए फॉक्सवैगन पोलो उन कारों में से है जिसके शुरुआती मॉडल्स में ही एयरबैग आ गए। ये कार अपनी कैटेगरी की शुरुआती ऐसी कारों में से एक थी, जिसमें भर-भर के सेफ्टी फीचर्स दिए गए थे। फॉक्सवैगन ने 1998 में इसका एक GTI वर्जन भी लॉन्च किया।
टर्बो चार्ज इंजन से लैस थी
जीटीआई का फुलफॉर्म वैसे तो ‘ग्रांड टूअरर इंजेक्शन’ होता है, लेकिन आसान भाषा में समझें तो इसे आप टर्बो चार्ज इंजन से लैस प्रीमियम हैचबैक समझ सकते है, यानी इसका परफॉर्मेंस और फीचर्स काफी बेहतर थे। फॉक्सवैगन पोलो का इसके बाद 2001 में फोर्थ जेनरेशन मॉडल आया। इसमें फ्रंट के साथ-साथ एयरबैग्स दिए गए।
केबिन स्पेस पहले से बेहतर
एबीएस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया और केबिन स्पेस पहले से ज्यादा बेहतर हो गया। भारत में कंपनी इसका पांचवी पीढ़ी का मॉडल का लेकर आई थी। ये 2009 में आया था। इस कार में कई डिजिटल इनोवेशन आ चुके थे, जैसे इंफोटेनमेंट सिस्टम, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर इत्यादि। भारत में ये 2010 में लॉन्च हुई थी।
भारत से फॉक्सवैगन पोलो
फॉक्सवैगन ने भारत में अपने चाकन प्लांट में पोलो बनाना शुरू की थी। भारत में बनने वाली ये उसकी पहली कार थी। मार्केट में इसकी टक्कर हुंडई आई20 और मारुति स्विफ्ट से हुई लेकिन ये अपने आप में खास कार थी, क्योंकि इसकी बिल्ड क्वालिटी बाकी दोनों कार से काफी बेहतर थी। इसे 1.2 लीटर के पेट्रोल और डीजल इंजन के साथ मार्केट में उतारा गया था।
पोर्टफोलियो और लाइनअप
फॉक्सवैगन पोलो ने साल 2022 में भारत को विदा कह दिया। इसकी कई वजह थी जैसे फॉक्सवैगन ने अपने पूरे पोर्टफोलियो और लाइनअप को बदलने का प्लान बनाया। देश में एसयूवी की बढ़ती डिमांड को देखते हुए उस पर फोकस किया। पोलो की सेल लगातार गिर रही थी और मार्च 2022 तक आते-आते सिर्फ 3200 यूनिट रह गई तो 2011 में 30000 यूनिट के पार थी।