Pitru Paksha, the festival of pleasing and satisfying the ancestors : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पितरों को खुश करने, उनको तृप्त करने का पर्व माना जाता है। पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से माना जाता है। उस दिन पितृ पक्ष के श्राद्ध की पूर्णिमा तिथि होती है। उस दिन उन पितरों का श्राद्ध होता है, जिनका निधन किसी भी माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ हो। भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक अमावस्या तक के 15 या 16 दिन पितृ पक्ष के होते हैं। इसमें लोग अपने पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं। आइए जानते हैं कि इस साल पितृ पक्ष कब शुरू हो रहा है। पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां कौन-कौन सी हैं।
श्रद्धापूर्वक अर्पण श्राद्ध होता है
तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव का कहना है कि पितृ पक्ष का अर्थ है पितरों का पक्ष। इस दौरान आप जो कुछ भी श्रद्धापूर्वक अपने पूर्वजों को अर्पित करते हैं, वह श्राद्ध होता है। जो पितर नाराज होते हैं, उनको तर्पण, दान, अन्न आदि से तृप्त किया जाता है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष अच्छा माना जाता है।
पितृ पक्ष 2024 की शुरूआत
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को 11:44 ए एम से शुरू हो रही है और इसका समापन 18 सितंबर को 08:04 ए एम पर हो रहा है। ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 17 सितंबर को होगा और उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद पूर्णिमा का स्नान और दान 18 सितंबर को होगा।
17 सितंबर मंगलवार से प्रारंभ
श्राद्ध दिन में 11 बजे के बाद करते हैं। ऐसे में 17 सितंबर को पूर्णिमा तिथि में श्राद्ध हो पाएगा क्योंकि 18 सितंबर को सुबह 08:04 बजे पूर्णिमा तिथि खत्म हो जा रही है। ऐसे में पितृ पक्ष का प्रारंभ 17 सितंबर दिन मंगलवार से होगा। उस दिन श्राद्ध की पूर्णिमा तिथि होगी।
पितृ पक्ष 2024: श्राद्ध की तिथियां और तारीख
17 सितंबर, मंगलवार: पूर्णिमा श्राद्ध
18 सितंबर, बुधवार: प्रतिपदा श्राद्ध
19 सितंबर, गुरुवार: द्वितीया श्राद्ध
20 सितंबर, शुक्रवार: तृतीया श्राद्ध
21 सितंबर, शनिवार: चतुर्थी श्राद्ध, महाभरणी
22 सितंबर, रविवार: पंचमी श्राद्ध
23 सितंबर, सोमवार: षष्ठी श्राद्ध, सप्तमी श्राद्ध
24 सितंबर, मंगलवार: अष्टमी श्राद्ध
25 सितंबर, बुधवार: नवमी श्राद्ध, मातृ नवमी
26 सितंबर, गुरुवार: दशमी श्राद्ध
27 सितंबर, शुक्रवार: एकादशी श्राद्ध
29 सितंबर, रविवार: द्वादशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध
30 सितंबर, सोमवार: त्रयोदशी श्राद्ध
1 अक्टूबर, मंगलवार: चतुर्दशी श्राद्ध
2 अक्टूबर, बुधवार: अमावस्या श्राद्ध, सर्व पितृ अमावस्या