प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक जारी है। पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक बीच में ही छोड़कर चली गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बैठक में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। उनका माइक 5 मिनट में ही बंद कर दिया। बैठक में 2047 तक विकसित भारत बनाने पर फोकस रहेगा।
अन्य लोगों को 20 मिनट तक बोलने दिया...
जबकि मुझसे पहले अन्य लोगों ने 20 मिनट तक बात की, मैंने विरोध किया और मैं बाहर आ गई। ममता ने कहा कि मैंने पूछा कि मुझे बोलने से क्यों रोका। यह भेदभाव क्यों कर रहे हैं। विपक्ष से केवल मैं ही हूं। यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है।
दरअसल, नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक चल रही हैं। जिसमें विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों से सिर्फ सीएम ममता ही शामिल हुई थी। उनके अलावा असम सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा, राजस्थान सीएम भजन लाल शर्मा, मध्यप्रदेश के सीएम यादव, आंध्र प्रदेश सीएम चंद्रबाबू नायडू और गोवा सीएम प्रमोद सावंत भी पहुंच हैं।
इन मुख्यमंत्रियों ने बैठक का किया बहिष्कार
बता दें कि इंडिया ब्लॉक के कई मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। इस बीच, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता पिनाराई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और सभी तीन कांग्रेस मुख्यमंत्रियों- कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी सहित कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों (सीएम) ने नीति आयोग की अहम बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इसके अलावा एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार भी बैठक में नहीं पहुंचे है और इसकी वजह अभी सामने नहीं आई है।
बैठक में शामिल नहीं हुए नीतीश कुमार
वहीं, NDA के प्रमुख सहयोगी JDU के नीतीश कुमार भी बैठक में शामिल नहीं हुए। उनकी जगह डिप्टी CM सम्राट चौधरी और चीफ सेक्रेटरी ब्रजेश मेहरोत्रा मीटिंग में पहुंचे हैं।
नीती आयोग खत्म कर योजना आयोग वापस लाओ- ममता
ममता बनर्जी ने बैठक से एक दिन पहले कहा था कि नीति आयोग खत्म करके, योजना आयोग को वापस लाओ। योजना आयोग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आइडिया था। उन्होंने आगे कहा- ये सरकार आपसी लड़ाई में गिर जाएगी, इंतजार कीजिए। इस दौरे में मेरे पास ज्यादा समय नहीं है, इसीलिए किसी नेता से मेरी मुलाकात नहीं हो रही।
भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने पर चर्चा जारी
नीति आयोग की बैठक विकसित भारत 2047 पर केंद्रित है। भारत को विकसित बनाने के लिए राज्यों की भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। नीति आयोग का कहना है कि देश 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। भारत 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करेगा।
क्या है नीति आयोग?
नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति (NITI) आयोग के नाम से जाना जाता है। यह भारत सरकार का एक नीति थिंक टैंक है, जो सरकार के कामों और नीतियों की जानकारी देता है। केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था। योजना आयोग देश के विकास से संबंधित योजनाएं बनाने का काम करता था।