पंजाब में नगर निगम चुनाव को लेकर चुनाव नगाड़ा बजने ही वाला है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब सरकार ने चुनाव आयोग को इसके लिए पत्र लिखा है, जिसमें पांच नगर निगमों के चुनाव करवाने की बात लिखी गई है।
लोकल बॉडी विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। गवर्नर पंजाब बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब सरकार को ये चुनाव 15 नवंबर से पहले करवाने के लिए कहा था, जिसके बाद अब लोकल बॉडी ने भी चुनाव आयोग को ये चुनाव 15 नवंबर से पहले करवाने के लिए कहा है। लोकल बॉडी की तरफ से जारी खत के अनुसार अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और फगवाढ़ा में सरकार को 15 नवंबर से पहले चुनाव करवाने होंगे।
एक महीने का वक्त बचा
देखा जाए तो इसमें अभी एक महीने का वक्त ही बचा है। जालंधर, अमृतसर, लुधियाना व पटियाला में जनवरी 2023 से ये चुनाव पेंडिंग हैं, जबकि फगवाढ़ा को नगर निगम बनाए जाने के बाद अभी तक चुनाव हुए ही नहीं हैं। वार्ड बंदी का काम पूरा ना होने के कारण ये चुनाव लटक रहे हैं, हालांकि जालंधर में वार्डबंदी के ऐतराज का मामला कोर्ट भी पहुंच चुका है।
गवर्नर से मिली हुई मंजूरी
गवर्नर पंजाब ने नगर निगम चुनावों के अलावा 39 नगर परिषदों के चुनाव करवाने की भी मंजूरी दी हुई है। फिलहाल इन्हें लेकर अभी नोटिफिकेशन या लैटर अभी नहीं लिखा गया है।नगर निगम चुनाव पुरानी वार्ड बंदी के अनुसार होंगे या नई, इस पर असमंजस बना हुआ है। दरअसल, वार्ड बंदी का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। नई वार्ड बंदी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
कोर्ट में जालंधर की वार्डबंदी का मामला
उधर, बीते दिन जालंधर की नई वार्डबंदी को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे केस में हाईकोर्ट ने लोकल बॉडीज विभाग के वकीलों को फटकार भी लगाई। उन्हें अगले एक-दो दिन में वार्डबंदी के संबंध में जरूरी दस्तेवाज जमा करवाने के आदेश दिए हैं। तब तक अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
बुधवार को हुई केस की सुनवाई में हाईकोर्ट के सामने पक्ष-विपक्ष के वकीलों के बीच बहस हुई। दोनों ने अपनी दलीलें पेश कीं। अदालत ने लोकल बॉडीज के वकीलों से कुछ ऑब्जेक्शन्स पर दस्तावेज की मांग की है। उन्हें दो दिन का समय भी दे दिया गया है।
जालंधर, फगवाड़ा व बाबा बकाला की पटीशनें की क्लब
हाईकोर्ट ने जालंधर की नई वार्डबंदी के साथ-साथ फगवाड़ा व बाबा बकाला के निगमों के लेकर चल रहे अलग-अलग केसों को क्लब करते हुए उनकी एक साथ सुनवाई की। सभी केसों में वार्डबंदी और वोटर लिस्टों को लेकर सरकार के खिलाफ अपील की गई है। एक साथ इन सभी केसों का निपटारा इसी महीने होने की उम्मीद है।
दस्तावेज पेश नहीं कर पा रहा लोकल बॉडीज विभाग
हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान लोकल बॉडीज के वकीलों से 7-8 ऑब्जेक्शन पर दस्तावेज मांगें थे। लेकिन लोकल बॉडीज के वकील कोई भी दस्तावेज जमा नहीं करवा पाए हैं। इसलिए अब उनको एक-दो दिन में यह दस्तावेज जमा करवाने होंगे। निगम के पास नई वार्डबंदी को लेकर कुल 119 तरह के एतराज आए थे। इनमें से कुछ एतराजों को निगम ने दूर कर दिया था, लेकिन अभी कई बड़े एतराज दूर नहीं किए गए हैं। जिसकी वजह से वार्डबंदी पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है।
वार्डबंदी की खामियों के खिलाफ पूर्व विधायक गए अदालत
नई वार्डबंदी को लेकर एक दो नहीं बल्कि पूरे शहर से 119 एतराज आए थे। जिसमें सबसे ज्यादा एतराज कांग्रेस के पार्षदों की तरफ से थे। इन पार्षदों को लीड कर रहे पूर्व विधायक राजिंदर बेरी ने अदालत में पटीशन फाइल की। उन्होंने पटीशन में निगम अफसर व लोकल बॉडीज अधिकारियों पर नई वार्डबंदी को लेकर कई सवाल उठाए। इसे सरासर गैर कानूनी बताया था। उनको एतराज है कि जो नए वार्ड बनाए गए हैं, उनमें रिजर्वेशन रोस्टर का ख्याल नहीं रखा गया है। जिन वार्डों में अनुसूचित जाति के लोगों की जनसंख्या ज्यादा है, उन्हें जनरल में डाल दिया गया है। कुछ वार्डों को छोटा किया गया है। जिनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या कम है, उन्हें रिजर्व कर दिया गया है।
डिलिमिटेशन बोर्ड की बैठक में नहीं बुलाए सदस्य
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नई वार्डबंदी को लेकर जो डिलिमिटेशन बोर्ड गठित किया गया था। जिसमें 5 एसोसिएट सदस्य बनाए गए थे। हैरानी की बात है कि इन एसोसिएट सदस्यों को डिलिमिटेशन बोर्ड की किसी भी बैठक में बुलाया ही नहीं गया। उनको बोर्ड से अपनी मर्जी से हटा भी दिया गया। जिसके लिए कोई नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया।