जालंधर के वार्ड नंबर 3 के पार्षद पति रवि सैनी ने जहां जिम तैयार करवाया था वहां पर निगम की टीम पैमाइश करने के लिए पहुंची हुई है। जानकारी के अनुसार 60 लख रुपए सोसाइटियों को पार्क तैयार करने के लिए दिए गए थे। लेकिन इन पैसों का इस्तेमाल नहीं हो पाया इस मामले में रवि सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था
पुलिस ने किया था इस मामले में गिरफ्तार
नवंबर 2022 में वार्ड तीन की कांग्रेस पार्षद रिशा सैनी के पति रवि सैनी को थाना आठ की पुलिस सरकारी पर जमीन कब्जा कर उसकी रजिस्ट्री करवाने और उस पर जिम बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। रवि सैनी के खिलाफ थाना आठ में धोखाधड़ी की धारा के तहत मामला दर्ज है।
इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के जिला प्रधान रजिंद्र बेरी और विधायक बावा हैनरी की अगुआई में थाने के बाहर धरना दिया था। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस नेताओं के बीच धक्कामुक्की भी हुई।
गलत खसरा नंबर पर रजिस्ट्री
पार्षद पति रवि सैनी पर आरोप हैं कि उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर बाद गलत खसरा नंबर दिखाकर उसकी रजिस्ट्री करवा ली। तब ऐसी खबरें सामने आई थीं कि आम आदमी पार्टी के नार्थ हलका प्रभारी दिनेश ढल्ल ने इसकी जांच पुलिस से करवाई थी। इंस्पेक्टर नवदीप सिंह ने तब कहा था कि रवि सैनी ने जिस जमीन पर कब्जा करके जिम बनाया था, आने वाले दिनों में तहसीलदार को साथ लेकर उसका कब्जा भी छुड़वाया जाएगा।
थाने के बाहर दिया था धरना
रवि सैनी की गिरफ्तारी के बाद जिला कांग्रेस प्रधान राजिंदर बेरी, विधायक बावा हैनरी सहित तमाम कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और थाने के बाहर धरना लगा दिया था। कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि पुलिस ने कांग्रेस नेता को आप नेताओं की शह पर धक्के से गिरफ्तार किया है।
जबकि उन पर लगे आरोप झूठे थे। कांग्रेस नेताओं ने करीब छह घंटे बाद रवि सैनी को थाने से छुड़ा लिया था और यह तर्क दिया था कि जिस सरकारी जमीन पर कब्जा करने की बात हो रही है, उस संबंधी किसी दस्तावेज़ में रवि सैनी का नाम नहीं है।
इसके बाद रवि सैनी और जिम के निर्माण से संबंधित अन्य लोग पुलिस जांच में शामिल हुए। एफ.आई.आर. से संबंधित मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चला गया। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने जमीन पर कब्जा करने से संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस भूमि से संबंधित सरकारी मालिकी का रिकॉर्ड अदालत सामने प्रस्तुत किया जाए। अदालत ने जालंधर के डिप्टी कमिश्नर को हाईकोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं और विवादित भूमि से संबंधित सारा रिकॉर्ड भी मंगवाया है।