यूनिवर्सिटी गरांट कमीशन(UGC) ने लेटर जारी कर देश की सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस में मोदी सेल्फी प्वाइंट लगाने के आदेश दिए है। लेकिन कई यूनिवर्सिटीज ने निर्देशों का पालन नहीं किया। वहीं हैदराबाद की सभी तीन सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने इस निर्देश के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी के कट आउट वाला सेल्फी पॉइंट नहीं लगाया है। इन यूनिवर्सिटीज के नाम हैं मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU), इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी (EFLU), और हैदराबाद यूनिवर्सिटी
UGC ने सेल्फी पॉइंट में सरकार की उपलब्धियों के स्नैपशॉट भी लगाने को कहा था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक किसी भी यूनिवर्सिटी ने इस पर काम शुरू किया है। कुछ को तो UGC की इस पहल की जानकारी भी नहीं है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधि के हवाले से अखबार ने लिखा कि अगर उन्हें इस संबंध में कोई पत्र मिलेगा तो इस बारे में सोचेंगे।
स्टूडेंटस ने कहा ये एक चुनावी अभियान
वहीं इस रिपोर्ट में कुछ स्टूडेंटस ने UGC के इस कदम को 2024 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़ा। EFLU के एक स्टूडेंटस ने अखबार को बताया कि उन्होंने देश के इतिहास में अब तक ऐसा कभी नहीं देखा कि किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में किसी जीवित प्रधानमंत्री का इस तरह से प्रचार किया गया हो। ये भी कहा गया कि ये एक चुनावी अभियान है।
डिजाइन जारी कर लिया वापस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UGC ने विश्वविद्यालयों को इस सेल्फी पॉइंट के साथ स्टूडेंटस को फोटो खींचने और सोशल मीडिया पर शेयर करने की बात भी कही थी। UGC ने इस संबंध में सेल्फी पॉइंट का एक डिजाइन भी जारी किया था। बाद में UGC ने इस डिजाइन को वापस ले लिया। सेल्फी पॉइंट लगाने का निर्देश अभी भी है।
आपको बता दें कि UGC का यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। UGC सेक्रेटरी मनीश जोशी की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया था कि ये सेल्फी प्वाइंट युवाओं के बीच अलग अलग क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों के बारे में जागरूक करेंगे। यह पत्र सभी यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलरों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को भेजा गया था।
पत्र में कहा गया है, हमारे देश ने जो अविश्वसनीय प्रगति की है खास उसका जश्न मनाने और उसका प्रसार करने के लिए अपने संस्थानों में एक सेल्फी प्वाइंट स्थापित करें। इसका उद्देश्य अलग अलग क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों खासकर नई शिक्षा नीति 2020 के तहत की गई नई पहलों को लेकर युवाओं को जागरूक करना है।