Makar Sankranti 2024 : नववर्ष 2024 में इस बार बेहद शुभ योग में मकर संक्रांति मनाई जाएगी, जिसके कारण सभी को सकारात्मक फल मिलेंगे। ज्योतिष के अनुसार इस दिन कुछ खास उपाय करें तो पितरों की कृपा और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा। नया साल 2024 देश भर के लोगों के लिए बेहद खास है, इसी दिन से उत्तरायण उत्सव भी शुरू होगा। पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के बाद रात्रि के बाद भगवान सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। 14 जनवरी की रात और 15 को प्रात: 3 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने जा रहा है। धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार एवं भारतीय ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार जब संक्रांति का क्रम सायंकाल अथवा रात्रि या मध्य रात्रि में हो, तो पर्व काल अगले दिन मनाना चाहिए। इस दृष्टिकोण से 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति का महत्व
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में 27 योगों का उल्लेख दिया गया है। इनमें से वारियान योग विशेष महत्वपूर्ण है। इसमें मकर संक्रांति का पुण्य काल इसलिए भी विशेष माना जाता है कि संक्रांति का पर्व दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर होता है, अर्थात धनु राशि के सूर्य का मकर राशि में परिभ्रमण संक्रांति की स्थिति दर्शाती है। दक्षिण को छोड़ सूर्य उत्तर में प्रवेश करते हैं अर्थात उत्तरायण होते हैं। वारियान योग की साक्षी में परिभ्रमण होने का लाभ राष्ट्र को प्राप्त होगा।
मकर संक्रांति के उपाय
मकर संक्रांति के पर्व काल पर सामान्यत: चावल, हरे मूंग की दाल की खिचड़ी का दान, पात्र का दान, वस्त्र का दान, भोजन का दान आदि वस्तुओं का दान अलग-अलग प्रकार से करने की परंपरा है। मान्यता भी है कि विशेष तौर पर तांबे के कलश में काले तिल भरकर ऊपर सोने का दाना रखकर दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। रोग, दोष निवृत्ति होते हैं। बाधा समाप्त होती है। इस दृष्टिकोण से विशेष तौर पर संक्रांति का लाभ लेना चाहिए।