हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की नई फिल्म इमरजेंसी रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंंदर सिंह धामी ने फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में सिखों को गलत तरीके से दर्शाया गया है।
धार्मिक भावनाएं आहात करने का मामला दर्ज करने की मांग
एक्ट्रेस कंगना रनौत ने जानबूझकर सिखों को गलत तरीके से पेश करने के इरादे से यह फिल्म बनाई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाशत नहीं कर सकता। उन्होंने कंगना रनौत के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज कने की मांग की है।
धामी ने कहा कि 1984 के शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करना गलत है। देश 1984 के सिख नरसंहार को कभी नहीं भूल सकता और संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनौत की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है।
कार्रवाई की बजाए कंगना को बचाया जा रहा
उन्होंने कहा कि कंगना रनौत कई बार जानबूझकर सिखों की भावनाएं भड़काने वाली अभिव्यक्ति करती रही हैं लेकिन सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है।
पंजाब 95 को 85 कट्स के बाद भी नहीं मिली मंजूरी
धामी ने कहा कि फिल्म इमरजेंसी में जानबूझकर सिखों को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। एक तरफ जहां मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख एक्टिविस्ट भाई जसवन्त सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित फिल्म 'पंजाब 95' में 85 कट्स के बाद भी मंजूरी नहीं मिली, वहीं दूसरी तरफ इसकी रिलीज पर रोक लगा दी गई। . सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली फिल्म 'पंजाब 95' को तुरंत रिलीज नहीं किया जा रहा है, ये दोहरे मापदंड देश हित में नहीं हैं।