खबरिस्तान नेटवर्क: जालंधर में नगर निगम के एटीपी सुखदेव वशिष्ट को रिश्वत मामले में राहत नहीं मिल रही। 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में आज फिर से उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। वहां पर विजिलेंस कोर्ट ने सुखदेव वशिष्ट का 7 दिनों का रिमांड मांगा है। वहां पर कोर्ट ने सुखदेव वशिष्ट का 3 दिन का रिमांड दिया है। इससे पहले भी सुखदेव वशिष्ट का विजिलेंस की ओर से 2 बार 2-2 दिन का रिमांड हासिल किया जा चुका है। वहीं विजिलेंस ने एटीपी को नोटिस भी जारी किया है। इसमें इमारतों के मालिकों से भी पूछताछ की गई है। बताया जा रहा है कि एटीपी के द्वारा रजिस्टर में शिकायतों के कुछ नंबरों में गड़बड़ मिली है ऐसे में जांच के लिए एटीपी से पूछताछ भी की जा रही है। वहीं अब 3 दिन के रिमांड में ओर भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
लोगों से वसूल रहा था पैसा
विजिलेंस ने एटीपी की गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उक्त मुलजिम जानबूझकर अर्जियों को मंजूरियां देने में देरी करके लोगों से पैसे वसूल रहा था। उन्होंने बताया कि जालंधर क्षेत्र में इमारतों के 70 फीसदी नक्शे नगर निगम द्वारा पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं लेकिन उक्त सहायक नगर योजनाकार सुखदेव वशिष्ट ने रिश्वत न मिलने तक कुछ अर्जियों पर विचार करने से भी मना कर दिया था। आपको बता दें कि बीजेपी नेता के द्वारा एटीपी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी नेता ने वीडियो के जरिए नगर निगम के अधिकारियों से भी कहा है कि वह जल्द इस मामले के खुलासे करेंगे।
लोगों को देता है धमकियां
शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त मुलजिम आवेदकों को डराने के लिए निरीक्षण के दौरान इमारतों को सील करने आदि की धमकियां भी देता और अक्सर यही कहता है कि उसे अपने तबादले की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि शिकायत की शुरुआती जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने उक्त मुलजिम के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज करके उसको गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में मुलजिम की भूमिका के बारे में और पता लगाने के लिए इस मामले की बारीकी से जांच हो रही है।