पुलिस कमिश्रनर स्वप्न शर्मा के सख्त आदेशों के बाद शहर में कब्जे हटाने का काम काफी तेजी से हो रहा है। रोड पर रेहड़ी व फड़ी वालों द्वारा किए गए कब्जों को हर रोज हटाया जा रहा है। इस बात से परेशान होकर रेहड़ी व फड़ी वालों ने कुछ दिन पहले प्रैस क्लब में मीटिंग भी की थी। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि प्रशासन उन्हें कुछ जगह दे तो वह उस जगह पर काम कर सकेगें।
स्ट्रीट वेडिंग जोन पॉलिसी अभी तक लागू ही नहीं हो पाई और न ही स्ट्रीट वेडिंग जोन बनाए गए हैं। रोष मार्च के बाद डीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे सुरजीत राम ने कहा कि पिछले 15 साल से वह रेहड़ी लगाते आ रहे हैं। आज उन्हें कहा जा रहा है कि अपनी रोजी रोटी हटा लो। प्रशासन को सख्त हिदायत है कि अगर रेहड़ी व फड़ी वालों से इसी तरह से ध्क्केशाही करती रही तो पड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरने में सेंट्रल हलके के पूर्व पार्षद शैरी चड्डा भी शामिल हुए।
वहीं प्रदर्शन कर रहे रमेश कुमार ने कहा कि हर महीने निगम को पैसे देते हैं और कई बार तो ऐसे अधिकारी भी उनके पास आ जाते हैं। जिन्हें ज्यादा पैसे देने पड़ जाते हैं। अगर वह रेहड़ी व फड़ी लगाने के पैसे देते हैं तो उनका कारोबार क्यों बंद करवाया जा रहा है।
सदस्यों ने कहा कि पुलिस उन जगहों से कब्जे नहीं हटा रही हैं। जहां जरुरी है और सबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रभावित होता है। प्रशासन के कहने पर उन्होंने अपनी रेहड़ियां व फड़ियां रोड से काफी पीछे कर ली थी और पूरा सहयोग भी कर रहे थे। लेकिन बिना किसी कारण अब उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है और उनकी रेहड़ियां हटाई जा रही हैं।
शैरी चड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से गरीबों के साथ धक्का किया जा रहा है। कुछ दिन पहले महिला और एक व्यक्ति के साथ मारपीट की थी और उसकी बाजू तक तोड़ दी थी। जो कि बिल्कुल ही गलत है। जालंधर शहर में 21 हजार के करीब रेहड़ी, फड़ी व सब्जी विक्रेता हैं। जिनके साथ 60 हजार परिवार जुड़े हुए हैं।
अगर इन सबका कारोबार बंद होता है तो परिवारों का बुरा हाल हो जाएगा। आज गरीबों के साथ धक्केशाही नहीं होने दी जाएगी। कोई राजनीति नहीं करने आया और न ही कोई नेता बनके इनके धरने में शामिल हुआ हूं। प्रशासन चोर और लूटेरों को तो पकड़ नहीं रही। उल्टा गरीबों के कब्जे हटाने में लगी हुई है। न तो बड़ी बिल्डिंगों पर कारवाई हो रही और न ही मॉल्स के बाहर यूनियन के सदस्यों ने कहा कि जालंधर शहर में नई बिल्डिंगें बनी हुई हैं और कोई भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।