खबरिस्तान नेटवर्क: आपने शेक्सपियर की कहावत कई बार सुनी होगी कि 'नाम में क्या रखा है' लेकिन आज जो खबर आपको बताने जा रहे हैं उसे सुनकर शायद इस कहावत को लेकर आप भी सोच में पड़ जाएं। जयपुर में लोकप्रिय मिठाई 'मोती पाक' का नाम 'मोती श्री' और 'मैसूर पाक' का नाम 'मैसूर श्री' कर दिया है। ये मिठाईयां वही है बस देश में पाकिस्तान के विरोध में इनके नाम बदल दिए गए हैं। अपनी मिठाईयों के लिए मशहूर जयपुर शहर में कम से कम तीन मशहूर दुकानों ने अपनी मिठाईयों के नाम बदलकर इन मिठाईयों से पाक शब्द पूरी तरह हटा दिया है। अब वह इसकी जगह श्री शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं।
और भी मिठाईयों के बदले नाम
पहलगाम आतंकवादी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई को देखते हुए देशभक्ति की भावना दर्शाने के लिए 'स्वर्ण भस्म पाक' और 'चंडी भस्म पाक' का नाम बदलकर 'स्वर्ण श्री' और 'चंडी श्री' कर दिया गया है। जयपुर वैशली नगर इलाके में मिठाईयों की मशहूर दुकान त्योहार स्वीट्स की मालकिन अंजिल जैन ने कहा कि उनके व्यंजनों में राष्ट्रीय गौरव झलकना चाहिए। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि - 'देशभक्ति सिर्फ सीमा पर ही नहीं बल्कि हर भारतीय के घर और दिल में होनी चाहिए। यह फैसला सिर्फ शब्दों से नहीं जुड़ा बल्कि भावनाओं का भी मामला है। उन्होंने कहा कि ग्राहक भी इस फैसले की सराहना कर रहे हैं और बदले हुए नाम देखकर खुश हैं'। मिठाईयों के नाम बदलने की इस मुहिम में शहर की दशकों पुरानी दुकानें 'बॉम्बे मिष्ठान भंडार' और 'अग्रवाल कैटरर्स' भी शामिल हो गए हैं। इन्होंने अपनी उन मिठाईयों के नाम बदल दिए हैं जिनमें 'पाक' शब्द शामिल था।
मिठाई का नाम बदलने पर जताई आपत्ति
कर्नाटक के मैसूर राजघराने वाडियार फैमिली के लिए मैसूर पाक का ईजाद करने वाले काकासूरा मडप्पा के वंशजों ने मिठाई का नाम बदलने पर आपत्ति जताई है। मडप्पा के वंशज एस नटराज ने कहा कि मैसूर पाक का नाम नहीं बदला जाना चाहिए। यह मिठाई उनकी पारिवारिक विरासत है और इसे उसी नाम से जाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को भी इसका नाम बदलने का अधिकार नहीं है।
नहीं बदलना चाहिए था नाम
नवभारत इंडिया टाइम्स के अनुसार, काकासुर मडप्पा के परपोते एस. नटराज का कहना है कि मैसूर पाक का नाम नहीं बदला जाना चाहिए। उनके पूर्वजों ने वाडियार राजाओं के लिए मिठाई बनाई थी और उसको मैसूर पाक नाम दिया था। काकासूरा मडप्पा मैसूर ने राजा कृष्णराजा वडियार चतुर्थ के प्रधान रसोईए थे। मडप्पा की पहचान इस मिठाई के नाम से ही है। उन्होंने कहा कि मैसूर पाक में पाक का अर्थ पाकिस्तान से नहीं बल्कि कन्नड़ में चाश्नी को पाक कहते हैं। इस मिठाई का ईजाद मैसूर में हुआ इसलिए इसका नाम मैसूर पाक रखा गया। मैसूर पाक एक स्वादिष्ट मिठाई है जो कि चीनी की चाशनी, बेसन और घी से बनी होती है। नटराज ने कहा कि जैसे हर स्मारक और परंपरा का अपना नाम होता है वैसे ही मैसूर पाक का भी है इसको गलत तरीके से पेश न करें।
पांच पीढ़ियों से मैसूर पाक बना रहे हैं मडप्पा के वंशज
नटराज ने कहा कि उनका परिवार पांच पीढ़ियों ने यह मिठाई बना रहा है। मैसूर में आज भी दशहरा जंबो सवारी मार्ग पर उनका मशहूर गुरु स्वीट्स नाम का दुकान है। इसको नटराज के परदादा ने शुरु किया था। उनका मकसद इस मिठाई को शाही दरबार के अलावा आम लोगों को चखाना भी था। परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य सुमेघ एस का कहना है कि मैसूर पाक सिर्फ मिठाई नहीं बल्कि यह सांस्कृतिक प्रतीक है। किसी गलतफहमी के कारण इसका नाम बदलने का अधिकार किसी को भी नहीं है।