In Sanatani tradition, the first bread is kept for the cow only : हिन्दू धर्म में गाय को पूजनीय माना गया है। सनातनी परंपरा में रोटी बनाते समय नियम भी है. जिसके तहत पहली रोटी गाय के लिए ही रखी जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति नियमित रूप से गाय को रोटी देता है उसके घर में कभी कोई बाधा नहीं आती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में आप गाय को रोटी खिलाकर कई दोषों से मुक्ति पा सकते हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि गाय को रोटी खिलाते समय कुछ गलतियां भूल से भी नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में...
33 करोड़ देवी-देवताओं का वास
ऐसा माना जाता है कि गाय में 33 कोटी देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए आप जब गाय को रोटी खिलाते हैं तो यह देवी देवताओं की पूजा के समान ही है। वहीं जब आप गाय का अपमान करते हैं तो यह 33 कोटी देवी-देवताओं का अपमान माना जाता है।
इन दिनों में जरूर दें रोटी
गाय को रोटी देना पुण्य का काम है लेकिन यदि आप रोज गाय को रोटी नहीं दे सकते तो कम से कम पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर गाय को रोटी खिलाने की कोशिश जरूर करें। आप इनमें से कोई एक तिथि भी चुन सकते हैं।
इस तरह की रोटी ना दें
गाय को रोटी देना पुण्य का काम है लेकिन ध्यान रखें के गाय को गौ माता कहा गया है और माता को कभी भी बासी या झूठी रोटी नहीं देना चाहिए। यह उनका अपमान करने जैसा है इसलिए ध्यान रखें कि जब भी गाय को रोटी दें तो वह ताजी हो और झूठी ना हो।
इस प्रकार बनाएं रोटी
रोटी बनने पर पहली रोटी गाय के लिए रखी जाने की परंपरा है लेकिन ध्यान रखें आप स्नान करने के बाद ही रोटी बनाएं। साथ ही इसे साफ और स्वच्छ वातावरण में तैयार करें। साथ ही इसे शुद्धतापूर्वक ही गाय को खिलाएं नहीं तो आपको नकारात्मक फल मिल सकते हैं।
पूरे सम्मान से दें रोटी
कई बार आपने देखा है कि गाय को रोटी लोग फेंक कर दे देते हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। गाय को रोटी देते समय सम्मान और श्रद्धा की भावना बनाए रखना चाहिए। रोटी बनाने के बाद, उसे गाय के पास ले जाकर सौम्यता के साथ रोटी खिलाएं।