अमृतसर में BRTS प्रोजेक्ट 3 जुलाई 2023 को बिना किसी इंटीमेशन के बंद कर दिया गया। जिसे फिर से शुरू करवाने के लिए पूरी यूनियन की महिला कोशिश कर रही है, वहीं इस दौरान यूनियन की महिलाओं ने एक युवक के साथ मारपीट की। युवक अमृत पाल सिंह बबलू समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना के खिलाफ बोल रहा था। इसके कारण गुस्साई भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। फिलहाल मामले को शांत करवा दिया गया है।
एक हजार से अधिक लोग हुए बेरोजगार
जानकारी के अनुसार कमिश्नर से मुलाकात के बाद जैसे ही एकता यूनियन के सदस्य और मनदीप सिंह मन्ना बाहर आए एक युवक ने मनदीप सिंह मन्ना के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। युवक ने कहा कि मनदीप सिंह मन्ना एक साल बाद क्यों इस मसले पर बोल रहा है, जबकि यह बसें 2023 से बंद हैं। BRTS प्रोजेक्ट 2023 को बिना किसी इंटीमेशन के बंद कर दिया गया। जिसके बाद काम कर रहे ड्राइवर, टिकट कलेक्टर, सफाई वाले, मैकेनिक आदि सहित एक हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गए।
एक साल से कोशिश कर रहे हैं बसें चलवाने की
लेकिन इसके बाद जैसे ही उसने कुछ और बोलना शुरू किया तो वहां मौजूद एकता यूनियन की महिलाओं ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। उनका कहना था कि वो एक साल से कोशिश कर रहे हैं बसें चलवाने की और वो खुद मनदीप सिंह मन्ना के पास गए थे। वहीं दूसरी और महिलाओं ने कहा कि वह जानबूझकर प्रोजेक्ट को नेगेटिव पेश कर रहा है। जिसके बाद उन्होंने बबलू को काफी मारा।
कई बसें वेरका डिपो में धूल खा रही
बता दें कि क्लेरिकल स्टाफ आज भी ड्यूटी पर मौजूद है, कई बसें वेरका डिपो में धूल खा रही हैं। BRTS एकता यूनियन के सदस्य लगातार मंत्री और नेताओं से मिल रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी मांगों को नहीं मान रहा है।
कल भी हुआ था हंगामा
बीते दिन मनदीप सिंह मन्ना वेरका के डिपो पहुंचे थे, जहां पर बैठे क्लेरिकल स्टाफ ने अंदर से ताला लगा लिया। जिसके बाद बहस हुई और फिर ताला खोला गया। लेकिन स्टाफ परमिशन दिखाने में नाकामयाब रहा। इसके बाद आज नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात की गई थी। वहीं एकता यूनियन के प्रधान सर्बजीत सिह ने बताया कि बीआरटीएस बसों को 2023 में यह कहकर बंद कर दिया गया था कि यह घाटे में हैं।
विज्ञापनों से भी हो रही थी कमाई
लेकिन इसमें 55 हजार से 60 हजार के करीब यात्री रोजाना सफर करते थे। वहीं बसों पर लगे विज्ञापनों से भी कमाई हो रही थी। फिर इससे ट्रैफिक की समस्या भी काफी हल हो रही थी। लेकिन सरकार ने बिना जांच के बिना बंद करा दिया।