खबरिस्तान नेटवर्क: पंजाब पुलिस ने बेल पर बाहर जाने वाले नशा तस्करों पर निगरानी रखने के लिए एक नई स्कीम का सहारा लिया है। अब पहली बार जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस का सहारा लेने की योजना बनाई जा रही है। डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस हेडक्वार्टर में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि बड़े नशा तस्कर बाहर आते ही फिर से धंधे में जुट जाते हैं। कई बार वे बेल खत्म होने के बाद जेल में वापिस पहुंचते ही नहीं। वह नेपाल के रास्ते विदेश में भागने की फिराक में रहते हैं। ऐसे नशा तस्करों पर नजर रखने के लिए पुलिस उन्हें जीपीएस एंक्लेट पहनाएगी। यह एंक्लेट हाथ या पैरों में पहनाया जाएगा। इससे इनकी हर मूवमेंट पर पुलिस की नजर रहेगी। अगर वह बेल खत्म होने पर रिपोर्ट नहीं करेगा तो उसे दबोचना भी आसान हो जाएगा।
40 हार्डकोर क्रिमिनल्स पर किया था केस
डीजीपी ने कहा कि इस तरह का प्रयोग जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूएपीए एक्ट के अंतर्गत पकड़े गए 40 हार्डकोर क्रिमिनल्स पर किया था। एंक्लेट पहनाने से पूर्व इस संबंध में अदालत से मंजूरी ली जाएगी और निजता के अधिकारों का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा।
अलर्ट आराम भी दिया जाएगा
डीजीपी ने कहा कि जब यह जीपीएस एंक्लेट आरोपी को पहनाया जाएगा तो इसे सिर्फ बेल की समय अवधि खत्म होने के बाद पुलिस ही खोल पाएगी। यदि नशा तस्कर इस जीपीएस एंक्लेट को किसी भी तरह से खोलने, तोड़ने या काटने का प्रयास करता है तो इसका अलर्ट मैसेज पंजाब पुलिस की विशेष यूनिट को जाएगा। डीजीपी ने कहा कि आरोपी को एंक्लेट पहनाने की मंजूरी लेते समय उसमें साफ होगा कि यदि उसे खोलने या तोड़ने का प्रयास किया जाता है तो आरोपी की बेल रद्द मानी जाएगी और उसे पकड़कर दोबारा जेल में डाल दिया जाएगा।
गिरोह तक पहुंचने में मदद करेगी डिवाइस
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के एडीजीपी (ADGP) निलाभ किशोर ने कहा कि इस जीपीएस ट्रैकिंग एंक्लेट में एक बैटरी इंस्टाल होगी। जो एक बार चार्ज होने पर 6 से 7 दिन तक काम करेगी। जिस आरोपी नशा तस्कर को यह एंक्लेट पहनाया जाएगा उसकी यह जिम्मेदारी होगी कि वह इसे चार्ज भी खुद ही करेगा। अगर आरोपी संदिग्ध गतिविधि में फिर से शामिल होता है तो उसे पकड़ना भी आसान होगा। उसके गिरोह तक पहुंचने में भी यह डिवाइस मदद करेगा।