ख़बरिस्तान नेटवर्क, नई दिल्ली : इंडियन स्पेस ऐजेंसी (ISRO) ने हाल ही में चंद्रयान-3 और आदित्य L1 मिशन लॉन्च किया है। लेकिन अब इसरो की तैयारी ह्यूमन स्पेसक्राफट गगनयान को सफल बनाने की कोशिश की जा रही है। ISRO चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने हाल ही में कहा था कि अक्टूबर में गगनयान मिशन की पहली लॉन्चिंग होगी। अब इसरो का अगला बड़ा मिशन वही है। हालांकि अभी एस्ट्रोनॉटस को भजने से पहले टेस्ट किया जाएगा। लेकिन हम उससे पहले की तैयारियां जान सकते है कि कैसे गगनयान को सफल बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
कैसा होगा गगनयान ?
गगनयान के कैबिन और रॉकेट बाहर बनेंगे। वहीं अंदर की सभी चीजें अहमदाबाद में बनेंगी। गगनयान में अहमदाबाद इसरो की तरफ से मुख्य सिस्टम बनाए जाएंगे। केबिन सिस्टम में एस्ट्रोनॉटस के लिए तीन कु्र्सियां होगी जिससे वह कम्यूनिकेशन कर सकेंगे। लाइटिंग अरेजमेंट के अलावा केबिन में 2 डिस्पले स्क्रीन लगेंगी। मिली जानकारी के अनुसार केबिन के अंदर की सभी चीजें की प्लानिंग व डिजाइन की तैयारी हो चुकी है। इसमें कम्यूनिकेशन सिस्टम बनाना सबसे अहम होगा।
कब होगा लॉन्च?
केंद्रीय विज्ञान और तकनीकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि गगनयान का अगला परीक्षण जल्द ही अक्टूबर में किया जाएगा। सिंह ने इसी साल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था, 'पहला टेस्ट यान मिशन (Test Vehicle), TV-D1, 2023 में योजनाबध्द है। इसके बाद दूसरा परीक्षण यान TV-D2 मिशन और 2024 की पहली तिमाही में होगा, जो गगनयान (LVM3-G1) का पहला मानव मिशन है।
कैसे होगा लॉन्च?
कम्यूनिकेशन के लिए गगनयान से पहले दो सैटेलाइट लान्च होंगी, जो जियो स्टेशनरी ऑर्बिट में होंगे। इसकी मदद से गगनयान दिन में दो बार दिखेगा। ऐसे समय में वो जियो सैटेलाइट के साथ कम्यूनिकेट करेगा और वो सैटेलाइट ग्राउंड पर हमें सूचनाएं देगा। इसके कैबिन में हर जगह पर कैमरे होंगे। एस्ट्रोनॉटस की कनेक्टिविटी के लिए ईमेल- इंटरनेट, ऑडियों, वीडियो जैसी जैसी हर प्रकार की चीजें ग्राउंड से ही कनेक्ट रहेंगी। कैबिन में कैमरा और दो टीवी मॉनीटर्स भी मैजूद होंगे। इसकी मदद से एस्ट्रोनॉटस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात कर सकेंगे। इसके अलावा प्रोजेक्ट में कुल 2 टीम शामिल थी।
बता दें कि आज संसद का विशेष सत्र है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी बधाई भी दी है।