पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जालंधर में पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंगद दत्ता के खिलाफ अवैध गतिविधियों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को आदेश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई CBI की रिपोर्ट के बाद 6 फरवरी 2025 को होगी।
अंगद दत्ता ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
अंगद दत्ता ने बताया कि पुलिस को साढ़े 7 बजे इस बारे में जानकारी मिली थी। पर उनके घर पर करीब 5 बजे रेड की। अगर पुलिस को साढ़े 7 बजे शिकायत मिली तो उन्होंने ढाई घंटे पहले मेरे घर में कैसे रेड कर सकते हैं। जिस कारण पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस रेड नहीं आतंकित करने आए
अंगद दत्ता ने बताया कि रेड करने के लिए जालंधर पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह तूर ने लगभग 50 अधिकारियों जिसमें दो SHOs, एक ACP और एक ADCP को भेजने का आदेश दिया। मेरे घर पर भेजे गए अधिकारियों की इतनी संख्या सिर्फ डराने के लिए नहीं थी बल्कि यह मुझे आतंकित करने और मेरे बिजनेस को बाधित करने की कोशिश थी।
पुलिस की वजह से बिजनेस चलाना हुआ मुश्किल
दत्ता का यह भी कहना है कि पुलिस ने न केवल अवैध रेड की बल्कि उनके ऑफिस को भी सील कर दिया। जिससे उनके फैमिली बिजनेस को चलाना मुश्किल हो गया। कानून के बहाने वह मेरे काम को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। जब पुलिस ने मेरे ऑफिस में रेड की तो उनकी इसमें क्या भूमिका थी, इसकी जांच जरूर होनी चाहिए।
CBI को मिला 3 महीने का समय
अंगद दत्ता ने आगे कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से अब CBI को 3 महीने का समय मिल गया। CBI की रिपोर्ट सामने आने के बाद ही हाईकोर्ट सुनवाई करेगी। CBI इस पूरे मामले की गहनता से जांच करेगी और पुलिस अधिकारी गुरप्रीत तूर की इसमें क्या भूमिका है, उसकी भी जांच करेगी।