पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जेलों में ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए थानों में अलग लॉकअप और अलग बैरक न होने पर हैरानी जताई है। हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडरों के लिए अलग टॉयलेट को लेकर पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट सनप्रीत सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने 2019 में ट्रांसजेंडर प्रोटेक्श एक्ट पास किया था और 2020 में इससे जुड़े नियम अधिसूचित किए थे। 10 जनवरी 2022 को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों व डीजी जेल को पत्र लिखा था और ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग सुविधाओं की व्यवस्था करने को कहा था।

12 कैदियों ने किया था दुष्कर्म
जेलों ट्रांसजेंडर कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलग बैरिक होने चाहिए। इसके साथ ही थाने व चौकियों में ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग लॉकअप की सुविधा होनी चाहिए। ट्रांसजेंडरों को जेलों में पुरुष कैदियों के साथ नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही याचिका में एक ट्रांसजेंडर कैदी की कहानी का जिक्र भी किया गया, जिसके साथ जेल में 12 कैदियों ने दुष्कर्म किया था।
ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग लॉकअप की व्यवस्था नहीं
पंजाब सरकार से आरटीआई के माध्यम से ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में बताया गया कि पंजाब की किसी भी जेल में उनके लिए कोई अलग बैरिक मौजूद नहीं है। साथ ही किसी भी थाने या चौकी में उनके लिए अलग लॉकअप की व्यवस्था नहीं है।वहीं हाईकोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए अब ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग से टॉयलेट की व्यवस्था को लेकर पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।