ख़बरिस्तान नेटवर्क : HIV (human immunodeficiency virus) को लेकर हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि साल 2030 तक 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाएगी। यह दावा एक ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ने किया है। जिसके मुताबिक आने वाले कुछ सालों में इसका असर पूरी दुनिया पर दिखाई देगा।
फंडिंग में 24 फीसदी तक की कमी से बड़ा प्रभाव
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बर्नेट इंस्टीट्यूट की एक टीम की तरफ़ से एक मॉडल बनाया गया है। इस अध्ययन में 2026 तक वैश्विक एचआईवी फंडिंग में 24 प्रतिशत की कमी के प्रभाव का अनुमान लगाया गया है। यह अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड जैसे प्रमुख देशों कि तरफ़ से 8 से लेकर 70 प्रतिशत की सहायता में कटौती करने की घोषणा के बाद सामने आया है। आने वाले समय में इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि ये पांच देश वैश्विक एचआईवी सहायता में 90 प्रतिशत से ज़्यादा फंडिंग करते आए हैं।
लाखों नए संक्रमण और मौतों का खतरा
एचआईवी फंडिंग में दुनिया में सबसे अधिक योगदान देने वाला देश अमेरिका है। लेकिन नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद, 20 जनवरी को ही सभी सहायता रोक दी थी। ख़ोज कर्ताओं के अनुसार यदि अमेरिका और ब्रिटेन के साथ बाकी सर्वोच्च पांच देशों की ओर से फंडिंग कटौती को ज़ल्द ही कम नहीं किया जाता है तो 2025 से 2030 के बीच 4.4 से 10.8 मिलियन से ज़्यादा अतिरिक्त नए एचआईवी संक्रमण और 770,000 से 2.9 मिलियन मौतें हो सकती हैं।
एचआईवी को खत्म करने में बड़ी बाधा
फंडिंग में आई कटौती की वजह से 2030 तक एचआईवी को खत्म करने की दिशा में बाधा आने का खतरा है। कहा जा सकता है कि नए संक्रमण और मौतें उस स्तर तक बढ़ सकती हैं जो 2000 के दशक के आरंभ से अभी तक नहीं देखी गई हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव उप-सहारा अफ्रीका और कमज़ोर आबादी पर पड़ सकता है, जिसमें नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, यौनकर्मी,पुरुष तथा बच्चे शामिल हैं।
दुनिया में दिखेगा विनाशकारी परिणाम
संस्थान के सह-लेखक डॉ. रोवन मार्टिन-ह्यूजेस ने बताया कि परीक्षण और उपचार कार्यक्रमों को सीमित करने के अलावा, उप-सहारा अफ्रीका में साधारण रोकथाम प्रयासों में भी कटौती देखी जाएगी। जैसे कंडोम वितरित करना और प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (पीआरईपी - एक दवा, जो एचआईवी होने के जोखिम को कम करती है) की पेशकश करना। एचआईवी महामारी से फिर से उभरने से बचना जरूरी है, जिसके पूरी दुनिया में विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।