ख़बरिस्तान नेटवर्क : बिक्रम मजीठिया बुरी मुसीबत में फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय के बाद आज ईडी के पूर्व डायरेक्टर निरंजन सिंह ने विजिलेंस को अपने बयान दर्ज करवाए हैं। बयान दर्ज करवाने के बाद निरंजन सिंह ने कहा कि ईडी जांच के दौरान मैने जो स्टेटमेंट्स दी थी, उसे बता दिया है।
भोला ड्रग केस की जांच की थी
पूर्व ईडी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने कहा कि हमने भोला ड्रग केस के 6 हजार करोड़ रुपए के मामले की जांच की थी। इस मामले में 17 लोगों की सजा हो चुकी है। जांच के दौरान मजीठिया का नाम सीधे तौर पर नहीं आया थआ। पर जब भोला और बिट्टू औलख ने स्टेटमैंट दी तो उसमें मजीठिया का जिक्र था।
आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है मामला
उन्होंने आगे बताया कि विजिलेंस का यह जो मामला है वह ड्रग्स का नहीं बल्कि आय से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ा हुआ है। लेकिन इसका जो आधार है वह वही है। इसलिए स्टेटमैंट के लिए बुलाया गया। भोला और दूसरे आरोपियों ने जो बयान दिए थे वह सब विजिलेंस को दर्ज करवा दिए हैं, जो ईडी की जांच के दौरान दिए थे।
जांच के आधार पर हाईकोर्ट दाखिल की थी रिपोर्ट
उन्होंने आगे बताया कि मेरी जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की गई थी। इसी को आधार पर हाईकोर्ट ने एसटीएफ को जांच व कार्रवाई के लिए कहा था। एसटीएफ ने भी अपनी अब्जर्वेशन लगा कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में दी। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए कहा था, लेकिन तब की सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। 2021 में मेरी व एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर होती है। ये मामला विजिलेंस ने किया है। ये सभी मामले एक दूसरे से लिंक हैं। आगे विजिलेंस जांच करेगी।
मजीठिया के नशा तस्करों के साथ संबंध -पूर्व डीजीपी चटोपाध्याय
पूर्व डीजीपी चटोपाध्याय ने बयान दर्ज करवाने के बाद कहा कि हमने 2021 में भी मजीठिया के खिलाफ केस किया था और उस समय भी हमारे पास पुख्ता सबूत थे और आज भी हैं। साल 2012-13 में अकाली-भाजपा सरकार के समय भी मजीठिया के खिलाफ सबूत इकट्ठे किए गए थे। पर उस समय वह मंत्री थे, जिस कारण कुछ हो नहीं पाया। मजीठिया के नशा तस्करों के साथ संबंध हैं।
पुलिस में भी हैं कुछ भेड़ें
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस व नशा तस्करों पर नजर रखने लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम बनाई थी। हमारी टीम ने 3 रिपोर्ट दी थी और मैंने अलग से एक रिपोर्ट दी थी, जो फिलहाल बंद है। हर जगह कुछ लोग होते हैं जो संस्थान को बदनाम करते हैं। पुलिस में भी कुछ भेड़ें हैं। बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत के खिलाफ 4 केस थे और 15 की जांच चल रही थी। बावजूद उसे 4 बार प्रमोट किया गया।
शैल कंपनियों से पैसा घुमाया गया
पूर्व डीजीपी ने कहा कि एसआईटी के रूप में हमारी डयूटी हाईकोर्ट में रिपोर्ट देने की थी, एसआईटी का चालान पेश करना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी। हमारे पास कुछ ठोस सबूत आ गए थे। बाहर से भी पैसे आए थे। लिंक फेक शैल कंपनियाें में पैसा घुमाया गया। यह महत्वपूर्ण केस है। इस केस में हमारे मैं सुपरवाइजर थी। मैं डीजीपी था।
25 जून को मजीठिया को किया गया अरेस्ट
25 जून की सुबह-सुबह मजीठिया के घर विजिलेंस के अधिकारी रेड करने पहुंची थी। विजिलेंस के 30 अधिकारी मजीठिया के घर रेड करने पहुंचे थे। इस दौरान मजीठिया की पत्नी गनीव कौर ने विजिलेंस अधिकारियों पर धक्का मारने के आरोप भी लगाए हैं। दोपहर सवा 12 बजे मजीठिया को उनके घर से गिरफ्तार किया गया।
FIR में 540 करोड़ रुपए की संपत्ति का जिक्र
मजीठिया पर 25 जून तड़के सुबह 4 बजे केस दर्ज किया गया था FIR के मुताबिक मजीठिया के पास 540 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जो उनकी घोषित आय से कहीं ज्यादा है। वहीं मनी लॉड्रिंग के लिए शेल कंपनियों का इस्तेमाल, संदिग्ध विदेशी लेनदेन को लेकर केस दर्ज किया गया है। वहीं विजिलेंस की टीम ने बिक्रम मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, 2 आईपैड, 8 डायरियां और अन्य डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए हैं।