पंजाब के किसानों ने बड़ा ऐलान किया है। अमृतसर में भी किसान 24 सितंबर से मोर्चा लगाने जा रहे है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सरवण सिंह पंधेर ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी की ओर से शहीद हुए किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। दरअसल, किसान दिल्ली जाकर संघर्ष करना चाहते है, लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस ने शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर ही रोका हुआ है।
बता दें कि किसान फरवरी महीने से ही पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर मौजूद है। पंधेर ने कहा कि 22 मई को उनकी जिस बस का एक्सीडेंट हुआ था उसमें भी घायल किसानों को मुआवजा नहीं मिल है। जिसके संबंध में वह आज अमृतसर के डीसी को मांग पत्र सौंपेंगे।
मांगें नहीं मानी तो रेल रोकेंगे
उन्होंने कहा कि इस संबंध में 24 सितंबर को अमृतसर के डीसी दफ्तर के समक्ष मोर्चा खोला जाएगा। इसके बाद भी अगर उनकी मांगों को माना नहीं गया तो वह संघर्ष को और तेज करेंगे। किसानों की ओर से रेल रोकी जाएगी और धरने दिए जाएंगे।
जमीन एक्वायर के लिए जबरदस्ती की जा रही
किसान नेता पंधेर ने कहा कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए एक्वायर की जा रही जमीनों के बारे में भी कहा कि वहां पर जबरदस्ती की जा रही है। अभी तक मुआवजा दिया नहीं गया और जमीन पहले ही ली जा रही हैं। इसीलिए पहले मुआवजा दे दिया जाए।
मांगें नहीं मानी तो संघर्ष तेज करेंगे
उन्होंने कहा कि डीसी और कमिश्नर बदलने से लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति ठीक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनकी केंद्र सरकार के साथ लड़ाई है और वह पंजाब मोर्चे के जरिए बताना चाहते हैं कि अगर उनती बात नहीं मानी जाती तो वह अपने संघर्ष को और तेज करने को मजबूर है।
सभी मांग पत्र सौंपे जाएंगे
उन्होंने इस दौरान कई मुद्दों पर बात की और कहा कि आज सारे मुद्दे लिखकर मांग पत्र सौंप दिए जाएंगे और अगर नहीं माने गए तो 24 से मोर्चा खोल दिया जाएगा। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा कि अगर वह कुरुक्षेत्र तक चुनाव के लिए आ सकते हैं तो किसानों से भी मिलने आ सकते हैं और वहीं मणिपुर भी उन्हें जाना चाहिए।