चंडीगढ़ में पूर्व IAS अधिकारी व नोएडा अथोरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के घर पर ईडी की रेड हुई है। लग्जरी फ्लैट बनाने वाली कंपनी से जुड़े एक पोजेक्ट में ये बड़ी कार्रवाई की गई है। रेड के घर से करीब 1 करोड़ रुपए की नकदी, 12 करोड़ रुपए के हीरे, 7 करोड़ रुपए के सोने के गहने और कई संदिग्ध डाक्यूमेंट्स बरामद किए हुए है।
11 जगहों पर रेड की गई थी
बता दें कि ईडी की तरफ से मामले की पड़ताल जारी है। ईडी की ओर से बीते दो दिनों में चंडीगढ़ समेत 11 जगह पर रेड की गई थी। बताया जा रहा है कि यह रेड, मेरठ और नोएडा में हुई थी। इस दौरान प्रोजेक्ट में शामिल रहे प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति को खंगालने की कोशिश की गई।
300 करोड़ रुपए का घोटाला
जानकारी मुताबिक, यह करीब 300 करोड़ का घोटाला है। इस मामले में ईडी की ओर से पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह बसपा सरकार के दौरान खास अफसरों में एक माने जाते थे।
मेरठ में 5 ठिकानों पर रेड की गई
वहीं, हैसिंडा प्रोजेक्ट प्रा. लि. के साझीदारों में शामिल मेरठ निवासी आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के 5 ठिकानों पर रेड की गई थी। उनका शारदा एक्सपोर्ट के नाम से कालीन का कारोबार है। इस दौरान आदित्य गुप्ता के आवास से 5 करोड़ रुपये के हीरे बरामद हुए हैं।
आदित्य और आशीष ने भी नोएडा में बुलेवार्ड नाम से रिहायशी अपार्टमेंट का निर्माण किया है, जो अब ईडी की जांच के दायरे में आ चुका है। रेड के दौरान ईडी को कंपनी के निदेशकों आदि के 6 बैंक लॉकरों का भी पता चला है, जिन्हें खंगाला जा रहा है।
इसके अलावा कई शेल कंपनियों का भी पता चला है, जिसमें निवेशकों की रकम को डायवर्ट कर दूसरी निर्माण परियोजनाओं में निवेश किया जा रहा था। ईडी जल्द ही कंपनी के सभी पूर्व व मौजूदा डरॉयक्टरों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी में है।
14 अरब रुपये के घोटाले में भी नाम शामिल
बता दें कि मोहिंदर सिंह का नाम बसपा सरकार में नोएडा और लखनऊ में महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों व पार्कों के निर्माण में 14 अरब रुपये के घोटाले में भी सामने आ चुका है। विजिलेंस ने उनसे पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी किया था लेकिन आस्ट्रेलिया में होने की वजह से वह पेश नहीं हुए थे।
उन्हें नवंबर 2011 में नोएडा अथॉरिटी का चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बनाया गया था। इस मामले में बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जांच के दायरे में आए थे।