खबरिस्तान नेटवर्क। भारत में जल्द ई‑पासपोर्ट (e‑Passport) यानी चिपयुक्त डिजिटलीकृत पासपोर्ट सेवा शुरू होगी। ये ई पासपोर्ट पुराने कागजी पासपोर्ट जैसा ही है, लेकिन इसके पीछे एक RFID चिप और एंटीना लगा होता है, जिसमें व्यक्ति की फोटो, जन्म‑तिथि, पता, बायोमेट्रिक जानकारी (चेहरा, फिंगरप्रिंट) सुरक्षित एनक्रिप्टेड रूप में स्टोर होती है। इससे पहले 2008 में इसे डिप्लोमैट के लिए शुरू किया जा चुका है। ये पहल Passport Seva Programme 2.0 के तहत 1 अप्रैल 2024 से नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत, रांची और दिल्ली में शुरू की गई है। साल के अंत तक इसे पूरे देश में शुरू करने की योजना है। चेन्नई में अब तक 20700 ई पासपोर्ट जारी हो चुके हैं।
ये हैं फायदे
बेहतर सुरक्षा : चिप आधारित दस्तावेज किसी भी तरह की टैंपरिंग को रोकते हैं।
तेज और सरल इमीग्रेशन : ई‑गेट्स पर स्कैन होने से कागजी जांच की झंझट कम होता है।
वैश्विक मान्यता: ICAO‑compliant हैं—जिन देशों में चिप सक्षम पासपोर्ट की सुविधा है, वहाँ यह काम करेगा
पुराने पासपोर्ट वैध रहेंगे
क्या आपके पुराने पासपोर्ट की वैधता कम होगी? बिल्कुल नहीं। पुराने कागज़ी पासपोर्ट अपने एक्सपायरी डेट तक वैध रहेंगे, और e‑Passport लेना अनिवार्य नहीं है। जब आप नया पासपोर्ट बनवाओगे या नवीनीकरण कराओगे, तब ही e‑Passport लेने का विकल्प मिलेगा।
जर्मनी में 20 साल से चल रहा
ई‑पासपोर्ट (e‑Passport) दुनिया के कई देशों में पहले से ही सफलतापूर्वक चल रहा है। ये देश "Machine Readable Travel Documents (MRTDs)" और ICAO (International Civil Aviation Organization) के मानकों के तहत चलते हैं। जर्मनी में 2005 में दुनिया का पहला देश, जिसने e‑Passport जारी किया गया था। यूके ने इसे 2006 में लागू किया। अमरीका में 2007 में शुरू हुआ था। इसके अलावा दुनिया भर के देशों में ई पासपोर्ट समार्ट गेट सिस्टम चल रहा है। फ्रांस, नीदरलैंड्स, जापान, कनाडा, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, इज़राइल, इटली आदि देशों में 10 से अधिक वर्षों से e‑Passport standard travel document बन चुका है।
भारत अब क्यों ला रहा है?
भारत ने 2008 से कुछ डिप्लोमैटिक e‑पासपोर्ट शुरू किए थे। अब आम नागरिकों के लिए भी इसे 2024–25 में चरणबद्ध रूप से लागू किया जा रहा है। यह भारत को विकसित राष्ट्रों की लीग में लाने की ओर एक डिजिटल और सुरक्षा संबंधी कदम है।