भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच दो दिन तक चली G20 समिट की बैठक में अहम बातचीत हुई। इसमें दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर 5 साल बाद विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर सहमति बनी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चाइनीज फॉरेन मिनिस्टर वांग यी ने दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान और कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू करने पर भी चर्चा की। जो कोविड महामारी के बाद बंद कर दी गई थी।
बता दें कि ब्राजील की राजधानी रियो जि जेनेरियो में दोन दिन तक चली G20 समिट का समापन हो गया है। वहीं, समिट के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो के साथ नजर आए। भारत और कनाडा के बीच पिछले साल G20 समिट के बाद विवाद शुरू हुआ था। कनाडाई पीएम ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था।
2025 में दक्षिण अफ्रीका करेगा समिट की मेजबानी
अगले साल 2025 में होने वाले समिट में दक्षिण अफ्रीका इसकी मेजबानी करने वाला है। सभी सदस्यों की ओर से जारी साझा घोषणापत्र में भुखमरी से लड़ने के लिए एक वैश्विक समझौते, जंग में उलझे गाजा के लिए ज्यादा सहायता के साथ मिडिल ईस्ट और यूक्रेन में जंग रोकने की अपील की गई।
भारत में G20 के सफल आयोजन पर की सराहना
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने मोदी से बैठक के दौरान पिछले साल नई दिल्ली में G20 के सफल आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कह हम ठीक उसी तरह G20 समिट की मेजबानी करना चाहते थे, जैसा पिछले साल भारत ने किया था। वहां से काफी कुछ सीखकर आए थे। काश कुछ उस तरह हम कर पाते। लूला डी सिल्वा ने कहा कि G20 समिट में ब्राजील ने जो कदम उठाए हैं, वे भारत के पिछले साल G20 में लिए गए फैसलों से प्रेरित हैं।