Danger that has never happened in 92 years is looming over Team India : पिछले करीब 2 हफ्ते टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए सबसे चौंकाने वाले साबित हुए हैं। न्यूजीलैंड ने तो इतिहास बना दिया लेकिन अब टीम इंडिया पर एक ऐसा संकट आ गया है, जो उसने अपने 92 साल के क्रिकेट इतिहास में नहीं देखा। मुंबई में होने वाले अगले टेस्ट मैच में ये अनहोनी हो सकती है, जिसे टालने के लिए टीम इंडिया को पूरा जोर लगाना होगा। अब आते हैं उस खतरे पर जो टीम इंडिया पर मंडरा रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम अपने लंबे इतिहास में कई बार टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप झेल चुकी है लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ, जब घर में तीन या उससे ज्यादा टेस्ट मैच की सीरीज में उसे ये शर्मिंदगी झेलनी पड़ी हो।
क्या है अनहोनी, कभी नहीं हुई
भारतीय क्रिकेट के 92 सालों में ऐसा क्या है, जो कभी नहीं हुआ उससे पहले ये बता दें कि इस टेस्ट सीरीज में अभी तक क्या हुआ है। बेंगलुरु में टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला खेला गया था और न्यूजीलैंड ने इसे 8 विकेट से जीत लिया था। इसी मैच की पहली पारी में टीम इंडिया सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई थी जो घर में उसका सबसे छोटा स्कोर है फिर पुणे टेस्ट में तीन दिन के अंदर न्यूजीलैंड ने 113 रन से जीत के साथ सीरीज अपने नाम कर ली। इस तरह 2012 से अब तक लगातार 18 सीरीज जीतने के बाद पहली बार टीम इंडिया ने घर में कोई सीरीज गंवाई।
घर में नहीं झेला है क्लीन स्वीप
ये खतरा है टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप होने का। भारतीय टीम ने आज तक घरेलू जमीन पर ऐसी जो भी टेस्ट सीरीज गंवाई हैं। उसमें कभी भी सूपड़ा साफ नहीं हुआ। या तो कोई टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ या फिर टीम इंडिया ने एक या दो मैच जीते। हालांकि 2000 में उसे साउथ अफ्रीका के हाथों क्लीन स्वीप झेलना पड़ा था लेकिन वो सीरीज सिर्फ 2 मैच की थी। टीम इंडिया को अचानक से अपने घर में ही सीरीज से हाथ धोना पड़ा है। वो भी न्यूजीलैंड के हाथों, एक ऐसी टीम जिसने 60-70 साल में सिर्फ 2 ही टेस्ट मैच भारत में जीते थे फिर भी ये हुआ क्योंकि इतिहास ऐसे ही हैरतअंगेज कारनामों से बनते हैं।
मुंबई में बदल जाएगा इतिहास
अब पहली बार उस पर 3-0 से सफाए का खतरा मंडरा रहा है और मुंबई का ऐतिहासिक वानखेडे स्टेडियम इस अनहोनी का गवाह बन सकता है। जहां भारतीय क्रिकेट के कई सुनहरे अध्याय लिखे गए हैं। 1 नवंबर से सीरीज का ये आखिरी टेस्ट मैच शुरू होगा, जिसमें फिलहाल वक्त है। ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर को अपनी टीम में वो जज्बा फिर से भरना होगा, जिससे पहले जैसे तेवर के साथ टीम मैदान पर उतरे और आखिरी मैच में जीत के साथ अपना सम्मान बचा सके। साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की उम्मीदों को भी बरकरार रख सके।