जालंधर के DC हिमांशु अग्रवाल ने स्कूल बसों में यात्रा करने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आज जिले के अलग अलग स्कूलों के प्रिंसिपलों और प्रबंधकों को 'सुरक्षित स्कूल वाहन' नीति का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया । इसके साथ ही कहा कि मई तक हर हाल में स्कूली वाहनों को 'सुरक्षित स्कूल वाहन' नीति के मानकों के अनुरूप बनाया जाए।
जिले के अलग अलग स्कूलों के प्रिंसिपलों और प्रबंधकों के साथ बैठक के दौरान डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'सुरक्षित स्कूल वाहन' नीति के मानदंडों के अनुसार स्कूल बसों में सीसीटीवी लगाए गए हैं। कैमरे चालू होने चाहिए। वाहनों में फायर इक्स्टिंगग्विशर, स्टाफ की वर्दी, प्रदूषण नियंत्रण, फायर स्टेशन और पुलिस आदि का फोन नंबर होना चाहिए, स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर होना चाहिए, बसों में यात्रा करने वाली छात्राओं के लिए महिला अटेंडेंट होनी चाहिए, प्राथमिक उपचार में किट और बसों में ओवरलोडिंग भी नहीं होनी चाहिए।
हिमांशु अग्रवाल ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों और प्रबंधकों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने स्कूलों में नीति नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराए । उन्होंने कहा कि स्कूली वाहनों में यदि कोई कमी है तो उसे 10 मई तक दूर कर लें। तय समय सीमा के अंदर नियमों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने पर स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण सचिव अमित महाजन, आरटीए अमनप्रीत सिंह भी मौजूद रहे।