खबरिस्तान नेटवर्क- देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। वही पिछले 24 घंटे में 7 लोगों की मौत भी हो गई है। जिसे लेकेर लोगों में डर का महोल है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक देश में कोरोना के कुल 3200 एक्टिव केस हैं, पिछले 24 घंटे में 511 मामले सामने आए हैं। 255 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 7 लोगों की मौत हुई है।
दिल्ली में एक की मौत
वही इस बीच दिल्ली में कोरोना से मौत का पहला मामला सामने आया है। यहां 60 साल की महिला की मौत हुई है। दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। दिल्ली में एक दिन में 56 नए मामले सामने आए हैं। अगर एक्टिव केस की बात करें तो यह संख्या 200 के पार हो गई है। देश में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 15 पहुंच गई है, जिसमें सबसे ज्यादा 6 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं।
केरल में एक्टिव केस की संख्या 1000
इसके साथ ही केरल में एक्टिव केस की संख्या 1000 पहुंच गई है। यहां पिछले एक हफ्ते में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। बताया जा रहा है कि ओमीक्रॉन जेएन वेरिएंट एलएफ7 के मामले आ रहे हैं। देश के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें चिंता का विषय नहीं माना है।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिला है। इसके बाद BA.2 (26%) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं। JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया।
इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।
WHO ने भी माना नया वैरिएंट खतरनाक नहीं
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी कोरोना के नए वेरिएंट को चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।