अमरनाथ यात्रा शनिवार (6 जुलाई) को भारी बारिश के कारण रोक दी गई है। बता दें कि बीती रात से हो रही लगातार बारिश के बाद यह फैसला लिया गया है। पहलगाम और बालटाल, दोनों रास्ते को बंद कर दिए गए हैं और यात्रियों को वापस उनके बेस कैंप भेजा जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, मौसम में सुधार के बाद यात्रियों को आगे बढ़ने दिया जाएगा।
पिछले साल इतने यात्रियों ने किए दर्शन
बता दें कि अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई और 19 अगस्त को समाप्त होगी। वहीं अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी की पूजा-अर्चना की। अब तक एक लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं. पिछले साल साढ़े चार लाख लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए थे।
बालटाल-पहलगाम बेस कैंप में 9 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था
बालटाल और पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में दर्शन के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां रोजाना 9 हजार लोग रुक सकते हैं। इसके साथ ही दोनों यात्रा मार्गों पर 260 टॉयलेट, 120 वॉशरूम है।
जाने अमरनाथ यात्रा के दोनों रूट के बारे में
पहलगाम रूट
पहलगाम रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 से 5 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। पहलगाम अमरनाथ ट्रेक का बेस कैंप है, जो अमरनाथ गुफा से 47 किमी की दूरी पर है। सभी यात्री पहलगाम से अमरनाथ तक की यात्रा पैदल कर सकते है । पहला पड़ाव चंदनवारी के बेस कैंप से लगभग 16 किमी दूर है जिसके बाद असली ट्रेक शुरू होता है। अगला पड़ाव 3 किमी पर पिस्सु टॉप है जिसके बाद, आप 9 किलोमीटर की दूरी पर शेषनाग पहुचंते है।
शेषनाग के बाद पंजतरणी आता है, जो 14 किमी दूर है। 6 किमी और चलने के बाद, आप अमरनाथ की गुफा में पहुचेंगे।
ट्रेकिंग मार्ग: पहलगाम – चंदनवारी – पिस्सु टॉप – शेषनाग- पंचतरणी – अमरनाथ गुफा
बालटाल रूट
वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन इसमें सिर्फ खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।
किन बातों का ध्यान रखें
अमरनाथ यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। इसके साथ ही फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग और एक्सरसाइज करें।
अमरनाथ का मौसम
- अमरनाथ के मौसम का कोई भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। यात्रा के दौरान कभी भी बारिश या बर्फ बारी हो जाती है। मौसम बेहद ठंडा हो जाता है, इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप खुद को गर्म कपड़ों से अच्छी तरह ढंक लें।
- अमरनाथ यात्रा पर ले जाने के लिए चीजें
- गर्म कपड़े और ऊनी टोपी और मोज़े
- हवा से बचने की जैकेट
- सनस्क्रीन और कीड़ों से बचने की क्रीम
- पानी से बचाने वाले जूते और कोट
- ट्रेकिंग करने के लिए लाठी
- स्टील की पानी की बोतल
- फर्स्ट ऐड किट
- अधिक बैटरी के साथ टोर्च