पंजाब में खरीफ सीजन के साथ ही पराली जलाने के मामले आने शुरू हो गए हैं। जिसके कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने इन पर नजर रखने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। 9 शहरों पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है, क्योंकि इन शहरों को केंद्र की तरफ से गैर प्राप्ति शहरों की सूची में शामिल किया गया था। यही कारण है कि PPCB ने भी प्रदेश में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। बता दें कि पराली के लगातार जलने से पंजाब के 3 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के पार पहुंच गया। मंडी गोबिंगढ़ का एक्यूआई 122, पटियाला का 101 और अमृतसर का 105 दर्ज किया गया।
इन नाै शहरों पर ड्रोन से रखी जाएगी नजर
ये 9 शहर डेराबस्सी, गोबिंदगढ़, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, नया नंगल, पठानकोट, पटियाला और अमृतसर हैं। इसके अलावा एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने भी 16 उड़नदस्ता टीमें गठित की हैं, जो पराली जलाने के मामले पर ध्यान देगी। ये टीमें 16 जिलों अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, संगरूर और तरनतारन में काम करेंगी।
चंडीगढ़ व मोहाली में धान का पराली प्रबंधन सेल भी स्थापित किया जा रहा है। जिसके जरिये कमीशन खरीफ सीजन के दौरान ही कृषि व अन्य संबंधित डिपार्टमेंट के साथ कोऑर्डिनेशन बनाने का काम करेगा। उड़नदस्ता टीमें की तरफ से रोजाना जमीनी स्तर पर स्थिति को चेक किया जाएगा और पराली जलाने के मामले से संबंधित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व कमीशन को जानकारी दी जाएगी।
हरियाणा के 10 जिलों के लिए टीमें गठित
हरियाणा के 10 जिलों के लिए भी टीमें गठित की गई हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। ये टीमें प्रदेश के नोडल अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेशन करेंगी कि पराली जलाने के मामले को रोकने के लिए वे कैसे काम कर रहे हैं। पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट जिलों की पहचान के लिए कमीशन की तरफ से काम किया जा रहा है।
केंद्र ने 9 शहरों को गैर प्राप्ति शहरों की सूची में शामिल किया था। गैरप्राप्ति उन शहरों को घोषित किया जाता है, जो 5 साल की अवधि में लगातार एयर क्वालिटी लेवल पीएम 10 के लिए राष्ट्रीय परिवेशी एयर क्वालिटी मानक को पूरा नहीं करते हैं। पीएम 10 वायु प्रदूषण का एक स्तर है, जो सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। जब प्रदूषण कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती है।