हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण जलभराव और भूस्खलन हुआ है। इसके कारण राज्य की 115 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं। बीती रात को खासकर कांगड़ा, शिमला, सोलन और मंडी के कुछ इलाकों में तेज बारिश हुई। मंडी के सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 121 मिलीमीटर बारिश रात में हुई। पालमपुर में दोपहर एक बजे तक 120 MM, शिमला में 92 MM, धर्मशाला में 27 MM और सोलन में 86 MM बारिश हुई। मौसम विभाग ने इस मानसून सीजन में पहली बार फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया है।
बारिश के कारण कई जगह बत्ती गुल
मंडी में ही चंडीगढ़-मनाली हाइवे का एक हिस्सा धंस रहा है। पंडोह डैम के पास हाइवे पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे हाइवे पर खतरा मंडरा रहा है। मंडी के अलावा चंबा जिले में 4, सोलन जिले में 3 और कांगड़ा के इंदौरा में एक सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद है। बारिश के कारण 212 बिजली ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 147 मंडी जिले में हैं. इसके अलावा कुल्लू में 42, चंबा में 16, सोलन में 7 ट्रांसफार्मर्स पर असर पड़ा है।
शिमला, सिरमौर और मंडी में बाढ़ जैसी स्थिति
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई एरिया में गुरुवार व शुक्रवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शिमला, सिरमौर और मंडी जिले को कल सुबह 11.30 बजे चेतावनी जारी की गई। यानी इन तीन जिलों में रात में भी कुछेक स्थानों पर भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
टूरिस्ट से प्रशासन ने की अपील
सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। ऐसे में टूरिस्ट सेल्फी लेने के लिए नदी-नालों के पास जाते हैं। जबकि जिला प्रशासन की ओर से वहां पर साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं कि नदी-नालों के पास न जाएं, लेकिन सेल्फी के चक्कर में लोग अपनी जान गवां रहे हैं। ऐसे बारिश को लेकर पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी की है और नदी नालों के पास न जाने का आग्रह किया गया है।