खबरिस्तान नेटवर्क। देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में सर्दी ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण अक्टूबर की शुरुआत से ही ठंड का एहसास होने लगा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले हफ्ते से दिल्ली के टेम्प्रेचर में तेजी से गिरावट आएगी। दिल्ली के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों में भी ठंड का मौसम दस्तक देने ही वाला है। बता दें कि एकदम से टेंपरेचर बदलने पर बीमार होने का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में अपना ख्याल रखने की जरूरत है। खुद को बीमारियों से बचाने के लिए अपने खान-पान और डेली लाइफ के रूटीन में कुछ बदलाव करने की जरूरत है।
क्या तैयारियां करनी चाहिए?
चुंकि ठंड शुरू होने वाली है तो हमें अभी से उसके लिए तैयार हो जाना चाहिए। इसके लिए गर्म कपड़ों जैसे स्वेटर, शॉल व अन्य गर्म कपड़े धुला कर रख लें। रजाई और कंबल को धूप लगवा लें। फ्रिज में लगी पानी की बोतल हटा दें। रुम हीटर, ब्लोअर व गीजर की फंक्शनिंग चेक करा लें।
- सुबह उठने पर थोड़ी देर वॉक और एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज के बाद गुनगुना पानी पिएं।
- नहाते समय गर्म पानी से नहाने से बचें। इससे स्किन सेल्स डैमेज हो जाती हैं।
- नहाने के बाद स्किन पर बॉडी लोशन जरुर लगाएं।
- नहाने के बाद अदरक-तुलसी की चाय या एक गिलास गर्म दूध पिएं।
- हेल्दी डाइट लें और विटामिन सी वाली चीजें जैसे- नीबू, संतरा खाएं।
ठंड के हिसाब से ऐसे ढालें शरीर को -
- सर्दियों में टहलने से पहले और बाद में थोड़ी देर रुककर सादा या गुनगुना पानी पिएं।
- वॉकिंग, योग, इंडोर और आउटडोर गेम्स खेलने चाहिए, जिससे शरीर में गरमाहट बनी रहती है।
- ठंड में पूरी बांह के ऊनी कपड़े पहनने चाहिए।
- हाथों और पंजों का भी ख्याल रखें। जूतों को हल्का ढीला करके पहनना चाहिए। ज्यादा टाइट जूते पहनने पर ब्लड फ्लो रुक सकता है।
ठंड में लापरवाही के नतीजे ये हो सकते हैं -
सांस से संबंधित समस्याएं- ज्यादा ठंड के कारण चेस्ट में एयरवेज टाइट हो जाते हैं। सांस लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे ब्रीदिंग रेट बढ़ जाती है। अस्थमा पेशेंट्स इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इस मौसम में ड्राई एयर सीधे फेफड़ों में जाती है और एयरवेज में सूजन का कारण बनती है।
हार्ट प्रॉब्लम- ठंड का मौसम आपके ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। कम टेम्प्रेचर से ब्लड वेसेल्स सिकुड़ सकते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ेगा। कोलेस्ट्रॉल लेवल इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि लोग ठंड के मौसम में अनहेल्दी खाना ज्यादा खाते हैं, जिसके कारण बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट या हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकती हैं। अगर आपको पहले से ही हार्ट की कोई प्रॉब्लम हो तो इस मौसम में टेंशन लेने से, तेज चलने से और कोई भारी एक्टिविटी करने से बचें।
डायबिटीज- एक रिसर्च के अनुसार, ठंड के मौसम में डायबिटीज के पेशेंट्स का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है क्योंकि ठंड में लोग कम्फर्ट फूड (कार्बोहाइड्रेट और हाई शुगर वाला खाना) खाते हैं। कार्ब और शुगर से परहेज करें।
आर्थराइटिस- ठंड के मौसम में बैरोमैट्रिक प्रेशर बढ़ता है, जिससे आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों का दर्द भी बढ़ता है। डॉक्टरों के अनुसार, जोड़ों में दर्द न हो (आर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द होता है), इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखना चाहिए।