पंजाब शिक्षा विभाग की ओर से एक नया कदम उठाया गया है। शिक्षा विभाग के द्वारा अब राज्य भर के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में मैगा अपार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 9 और 10 दिसंबर को होगा। इसकी जानकारी खुद डायरेक्टर जनरल ऑफ स्कूल एजुकेशन (डी.जी.एस.ई) की ओर से दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की अपार आई.डी प्रणाली लागू करना। इससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता आएगी। मैघा अपार दिवस आयोजित करने से पहले ही सारे जिला अधिकारओं और स्कूल प्रमुखों को जरुरी दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण दिए जा चुके हैं।
शिक्षा प्रणाली बनेगी डिजिटली सशक्त
डी.जी. एस. ई ने खुद इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इन 2 दिनों के दौरान सभी छात्रों की अपार आई.डी बनाई जाएगी। इस कदम से शिक्षा प्रणाली डिजिटली सशक्त बनेगी। इसके अलावा इससे सभी को एकीकृत पहचान प्रणाली से जोड़ने की दिशा में भी मदद मिलेगी।
कॉऑर्डिनेटर्स को दिए गए निर्देश
इस पहल के लिए डी.जी.एस. ई ने खुद जिला और ब्लॉक स्तर के एम.आई.एस कॉऑर्डिनेटर्स को निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा गया है कि वे स्कूलों के यू-डाइस पोर्टल पर जाकर अपार आई.डी जैनरेट करवाएं। उन्हें तकनीकी कामों की जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा गया है। डिजिटल प्रक्रिया में आ रही कोई भी तकनीकी बाधा को दूर करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को एम.आई.एस कॉर्डिनेटर्स के साथ रहने का निर्देश भी दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि मैगा अपार दिवस के अंतर्गत सारे काम फिक्स टाइम पर पूरे हो पाएं।
सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है स्कूलों के द्वारा की गई सारे प्रगति की रिपोर्ट इकट्ठी करके [email protected] पर 10 दिसंबर को शाम 4.30 तक भेज दी जाए।
शिक्षकों को समर्पित यह पहल
इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य राज्य के सारे शिक्षा संस्थानों को डिजिटल प्रणाली के साथ जोड़ना है। अपार आई.डी प्रणाली से छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के डिजिटल रिकॉर्ड बनाए जाएंगे जिससे शिक्षा विभाग की योजनाएं, काम और निगरानी में सहलूयित हो पाएगी। इस आयोजन से न सिर्फ डिजिटल शिक्षा प्रणाली मजबूत बनेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि शिक्षा के क्षेत्र में टैक्नोलॉजी अच्छे से काम कर पाए। पंजाब शिक्षा विभाग की यह पहल खासतौर पर शिक्षकों और छात्रों के लिए समर्पित की गई है। यह डिजिटल युग में शिक्षा की प्रगति की ओर एक ऐतिहासिक कदम भी साबित होगा।