चंडीगढ़ के पंजाब भवन में किसानों और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच मीटिंग के बाद कहा है कि किसानों ने सड़क खोलने का वायदा किया है। सीएम मान ने कहा कि एक दो दिन बातचीत के बाद ऐलान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादकों से बहुत अच्छे माहौल में बात हुई है। सरकार मिलर्स से भी बातचीत करेगी।
सीएम ने कहा कि- ये किसी की जीत हार नहीं है। खेती करने वाले हमारे अपने ही हैं। सड़कों पर धरने देना ठीक नहीं है। एंबुलेंस रोककर लोगों को परेशान करके कोई धरना नहीं देना चाहिए। सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने किसानों को धरने के बिना भी - चाय पीने के लिए बुलाया।
किसानों को मिलेगी खुशखबरी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में भी गन्ना काश्तकारों को सबसे अधिक मूल्य देना जारी रखेगी। आज पंजाब भवन में किसान जत्थेबंदियों के साथ विचार-विमर्श के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना काश्तकारों को अधिक कीमत देने में हमेशा पहले नंबर पर रही है और अब भी यही रुझान जारी रहेगा।
राज्य सरकार स्टेट ऐग्रीड प्राइस (एस. ए. पी.) के अंतर्गत गन्ने का भाव 380 रुपए प्रति क्विंटल दे रही थी, जो देश में अब तक सबसे अधिक था परन्तु हरियाणा ने हाल ही में यह मूल्य बढ़ा कर 386 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।आने वाले दिनों में शुगर मिल मालिकों के साथ मीटिंग के बाद राज्य सरकार जल्दी ही मूल्य में विस्तार करके किसानों को खुशख़बरी देगी।
दो मिलों की अदायगी बकाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली दफ़ा हमारी सरकार ने गन्ना काश्तकारों के पिछली सरकारों की तरफ से छोड़े सभी बकायों का भुगतान कर दिया है। राज्य में 16 चीनी मिलें हैं, जिनमें से नौ सहकारी क्षेत्र की हैं और बाकी प्राईवेट क्षेत्र से सम्बन्धित हैं। सिर्फ़ फगवाड़ा और धूरी की दो प्राईवेट मिलों की अदायगी बकाया है। इन मिलों से पैसे की रिकवरी के लिए कार्रवाई चल रही है और इन मिलों की जायदादें बेचने के बाद किसानों को अदायगी की जायेगी।
प्रदर्शन के नाम पर परेशानी बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के किसी भी वर्ग के साथ बातचीत के लिए हमारे दरवाज़े हमेशा खुले हैं परन्तु प्रदर्शनों के नाम पर आम आदमी की परेशानी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी। इस रुझान को रोकने की ज़रूरत है जिससे प्रदर्शनों के कारण आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने साथ ही कहा कि यह ख़ुशी की बात है कि किसान जत्थेबंदियों ने इसका सकारात्मक समर्थन दिया है। सरकार समाज के अलग-अलग वर्गों के मसलों का बातचीत के द्वारा हल करने के लिए हमेशा तैयार है और सड़कें और रेल रोक कर आम आदमी को परेशान करने के रुझान का ज़रूर परित्याग किया जाये।
कोई जीता नहीं कोई हारा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि विचार-विमर्श की प्रक्रिया में कोई भी विजेता या हारा हुआ नहीं होता क्योंकि हर फ़ैसला राज्य की भलाई यकीनी बनाने के उद्देश्य से होता है। राज्य सरकार ने मुफ़्त बिजली मुहैया करने, आम आदमी क्लीनिक खोलने, लोगों को सरकारी नौकरियाँ मुहैया करने और प्राईवेट क्षेत्र में रोज़गार के नये मौके सृजन करने की मिसाली पहलकदमियां की हैं। यह पहलकदमियां आने वाले दिनों में भी जारी रहेंगी क्योंकि राज्य सरकार पंजाब के समूचे विकास की दिशा में यत्न कर रही है।
दिल्ली के पंजाब को दोषी ठहराना अजीब
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब में पराली जलाने के खतरे को रोकने के लिए पुरज़ोर कोशिशें की। उन्होंने कहा कि यह कितनी अजीब बात है कि इन कोशिशों के बावजूद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ख़राब होने के लिए पंजाब को दोषी ठहराया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कितनी अनुचित बात है कि पंजाब ने वह सब कुछ किया, जो इस खतरे को रोकने के लिए दूसरे राज्यों ने किया परन्तु फिर भी बिना किसी कारण पंजाब को बदनाम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पराली न जलाने और फ़सली विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए किसानों को वित्तीय लाभ देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि किसानों को वैकल्पिक फसलों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एम. एस. पी.) दिया जाये जिससे उनकी आय में विस्तार हो। इससे किसान गेहूँ और धान के फ़सली चक्कर में से निकलने के लिए उत्साहित होंगे और उनकी आमदन भी बढ़ेगी।
केंद्र को सचेत किया
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को सचेत किया कि वह धान पर एम. एस. पी. खत्म करने के बारे किसानों को धमकाना छोड़े। उन्होंने कहा कि इसकी बजाय केंद्र सरकार पराली जलाने की समस्या ख़त्म करने के लिए कोई टिकाऊ हल ढूँढने के लिए दख़ल दे क्योंकि यह अब पूरे उत्तर भारत और मध्य भारत की समस्या है। अगर प्रधानमंत्री रूस और युक्रेन के बीच चल रहे संकट को हल करने की ढींगे हांक सकते हैं तो इसके मुकाबले यह उनके लिए बहुत छोटा मसला है परन्तु इससे देश का वातावरण बचाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पंजाब ने अनाज उत्पादन में मुल्क को आत्म निर्भर बनाया और केंद्र सरकार को इस मसले पर राज्य के मेहनती किसानों को अपने रहमो-कर्म पर नहीं छोड़ना चाहिए।किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ सौतेली माँ वाला व्यवहार करने की बजाय केंद्र सरकार को कृषि को फायदेमंद धंधा बनाने के लिए कोशिशें करनी चाहिएं। आम आदमी पार्टी के संसद मैंबर पंजाब से सम्बन्धित यह सभी मसले संसद के आगामी सैशन में उठाएंगे।
राज्यपाल से कहा बिलों को मंजूरी दें
मुख्यमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि पंजाब के राज्यपाल सभी बकाया बिलों को जल्द मंज़ूरी देंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट फ़ैसला दिया है परन्तु इसके बावजूद पंजाब विधान सभा द्वारा पास किये बिल राज्यपाल के पास लम्बित पड़े हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समय आ गया है कि जब राज्यपाल को अपने संवैधानिक और विधानक फ़र्ज़ निभाने चाहिएं जिससे राज्य में चुनी हुई सरकार सुचारू तरीके से काम कर सके।
चार दिन से जालंधर में दे रहे धरना
चार दिन से किसान जालंधर में धन्नोवाली फाटक के पास जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर धरना दे रहे हैं। सुबह सीएम से मीटिंग का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने रेलवे ट्रैक खाली कर दिया था और सर्विस लेन भी खोल दी थीं।
बीते दिन दिल्ली- जम्मू नेशनल हाईवे को बंद करने के बाद किसानों ने गन्ने के रेट में बढ़ौतरी और अन्य मांगों को लेकर अब रेलवे ट्रैक भी पूरी तरह से जाम कर दिया था। जिसके बाद 19 ट्रेनों के डिपार्चर स्टेशन बदले दिए गए और 11 लोकल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। पहले दिन धरने की शुरुआत नेशनल हाईवे पर हुई थी। किसानों के धरने के कारण लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।