सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अब एक बड़ी कार्रवाई की गई है। जानकारी की मानें तो मानसा की अदालत ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में एक पुलिसकर्मी के साथ-साथ 2 सरकारी गवाहों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है। यह कार्रवाई एसआईटी (SIT) ने की है। उन्होंने हिरासत में लिए गैंगस्टर के आरोपी दीपक टीनू के भागने के मामले को लेकर अदालत में पेश न होने के कारण की है। इस मामले में दीपक टीनू ने अपना कोई भी बयान दर्ज नहीं करवाया था जिसके बाद उसपर अब कार्रवाई की गई है।
मानसा की हिरासत से रिहा हो गया था दीपक टीनू
आपको बता दें कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में मौजूद आरोपियों में से एक आरोपी दीपक टीनू 1 अक्टूबर 2022 को एसआईटी स्टाफ मानसा की हिरासत में से रिहा होकर फरार हो गया था। इसके बाद पंजाब पुलिस ने सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करके बर्खास्त भी कर दिया था। यह सब इंस्पेक्टर भी एसआईटी का ही मेंबर था।
अदालत में पेश नहीं हुए थे गवाह
इसके बाद दीपक टीनू को दिल्ली पुलिस ने 19 अक्टूबर को राजस्थान के अजमेर में से हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। मानसा की जिला अदालत ने सीआईए (CIA) मानसा के तत्कालीन प्रभारी और एसआई (SI) प्रीतपाल सिंह के साथ 10 लोगों के खिलाफ आरोप भी तय किए थे। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत करण अग्रवाल ने अपने आदेश में बताया था कि गवाह और सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर करम सिंह और आरटीओ क्लर्क मोहम्मद गर्ग अदालत में पेश नहीं हो पाए हैं।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सहयोगी है दीपक टीनू
हालांकि अदालत ने कहा था कि इन सभी गवाहों को बाद में 5,000 रुपये की राशि के जमानटी वारंट के जरिए 12 दिसंबर को अगली तारीख पर एक-एक जमानतदार के साथ बुलाया जाएगा। टीनू सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल 32 आरोपियों में से एक था। वहीं आरोप पत्र के मुताबिक दीपक टीनू गैंगस्टर लॉरेंश बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया का साथी है। उसके खिलाफ पंजाब के अलावा हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और दिल्ली में हत्या के साथ-साथ 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं।