पटियाला में एआईजी मालविंदर सिंह सिद्धू के साथी बलवीर सिंह को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। बलवीर सिंह बीते करीब तीन महीनों से फरार चल रहा था। उसके खिलाफ ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और जबरन वसूली की विभिन्न धाराओं में 30 अक्तूबर 2023 को विजिलेंस के एसएएस नगर थाने में केस दर्ज किया था।
5 दिन के रिमांड पर भेजा
विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि बलवीर सिंह को बुधवार मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। वहां से कोर्ट ने 5 दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया है। रिमांड के दौरान पुलिस उसके पास से पूछताछ करेगी ताकि बरामद किया जा सके और इस मामले में अन्य लोगों की भागीादारी का पचा लगाया जाना है।
विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि बलवीर सिंह को बुधवार मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। वहां से कोर्ट ने 5 दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया है। रिमांड के दौरान पुलिस उसके पास से पूछताछ करेगी ताकि बरामद किया जा सके और इस मामले में अन्य लोगों की भागीादारी का पचा लगाया जाना है।
सरकारी गाडियों का किया दुरुपयोग
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि एआईजी सिद्धू ने सरकारी गाड़ी आर्टिगा (पीबी-65-ए डी-1905) का दुरुपयोग किया था और गाड़ी का तेल और अन्य खर्च सरकारी खाते से किया था। उन्होंने उक्त वाहन के उपयोग का कभी भी रिकॉर्ड (लॉग-बुक) नहीं रखा, जो सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग है।
आरोपी बलवीर सिंह ने एआईजी सिद्धू के कहने पर विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति और स्वतंत्रता सेनानियों के कोटे के तहत भर्ती कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कीं, ताकि उन पर दबाव डालकर ब्लैकमेल किया जा सके और बदले में रिश्वत ली जा सके। इसे बाद में रकम बलवीर सिंह, मालविंदर सिंह और अन्य आरोपी आपस में बांट लेते थे।
ये है मामला
इस मामले में एआईजी सिद्धू उनके सहयोगी बलवीर सिंह और अन्य आरोपी शामिल हैं। गौरतलब है कि एआईजी सिद्धू पहले से ही न्यायिक हिरासत में है। जांच के दौरान पता चला है कि एआईजी सिद्धू ने खुद को गलत तरीके से आईजीपी, विजिलेंस ब्यूरो, पंजाब बताया जबकि वे 2017 के बाद कभी विजिलेंस ब्यूरो पंजाब में एआईजी या आईजी नहीं रहे।
उक्त आरोपी बलवीर सिंह और अन्य ने मिलकर सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करना शुरू कर दिया ताकि उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके और इन शिकायतों को वापस लेने के बदले में उनसे पैसे वसूले जा सकें।