केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर को जम्मू कश्मीर की एक और संस्था तहरीक ए हुर्रियत को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर ट्विट कर इसकी जानकारी दी है। यह संगठन जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने वाली गतिविधियों में शामिल है।
संगठन भारत विरोधी विरधी गतिविधियों को पनाह दे रहा था और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा पीएम मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत बैन कर दिया जाएगा।
इसमें बताया गया है कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा फैला रहा है। संगठन से जुड़े लोग आतंकियों की मौत पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही पत्थरबाजी की घटनाओं को भी बढ़ावा देते हैं। इस संगठन के लोग कश्मीर को भारत से अलग मानते हैं और देश की कानून व्यवस्था का पालन नहीं करते।
2004 में बना था संगठन
सैयद अली शाह गिलानी ने साल 2004 में जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ दी थी, जिसके बाद 7 अगस्त 2004 को उसने तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन की स्थापना की। यह एक अलगाववादी संगठन है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की कथित आजादी के लिए आंदोलन करना है।
पहले जम्मू कश्मीर मसरत आलम ग्रुप पर लगाया बैन
केंद्र सरकार ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर मसरत आलम ग्रुप को भी UAPA के तहत गैरकानूनी घोषित कर दिया था। गृहमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी।