भगवान श्रीराम के मंदिर, सीएम योगी आदित्यनाथ और एसटीएफ चीफ को बम से उड़ाने की धमकी देने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आलमबाग निवासी भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र कुमार तिवारी ने यूपी-112 को टैग करते हुए एक्स पर एक पोस्ट की थी। इसमें दावा किया था कि 27 दिसंबर को उनकी ई-मेल पर जुबेर खान नाम के शख्स ने एक धमकी भरा मेल भेजा है।
इसमें धमकी दी गई है कि वह उनको व श्रीराम मंदिर, सीएम योगी और एसटीएफ चीफ को बम से उड़ा देगा। पोस्ट का संज्ञान लेते हुए यूपी-112 के इंस्पेक्टर ने 28 दिसंबर को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ कि केस दर्ज कराने वाले किसान नेता देवेंद्र कुमार तिवारी ने सुरक्षा लेने व बड़ा नेता बनने के लिए अपने ही कर्मचारियों से अपने ई-मेल पर धमकी भरा मेल कराया था। दोनों कर्मचारी गिरफ्तार हैं। मामले में किसान नेता, उसके डाइवर सुनीत व साजिश में शामिल एक अन्य युवक प्रभाकर की तलाश जारी है।
गोंडा निवासी ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। देवेंद्र तिवारी सुरक्षा चाहता था। उसने साजिश के तहत खुद को धमकी भरा ई मेल कराया। श्रीराम मंदिर, सीएम योगी व एसटीएफ चीफ को इसलिए जोड़ा, जिससे वह मीडिया में छा जाए। देवेंद्र गौ सेवा परिषद एनजीओ भी चलाता है।
नाका से खरीदे थे दो मोबाइल, फिर भेजा था ईमेल
देवेंद्र के आलमबाग के पते पर इंडियन इंस्टीट्यूट पैरा मेडिकल साइंसेस के नाम से कॉलेज है। कॉलेज का सोशल मीडिया ताहर सिंह देखता है। ओम प्रकाश देवेंद्र का पीए है। देवेंद्र के कहने पर उनके ही पैसे से दोनों ने नाका स्थित अमन मोबाइल सेंटर से दो मोबाइल व सिम खरीदे। सिम में ताहर सिंह की आईडी यूज की गई। इसी पर ईमेल आईडी बनाई गई। फिर देवेंद्र को ईमेल भेजा गया, जिसका स्क्रीनशॉट ताहर ने देवेंद्र को 19 दिसंबर को व्हाट्सएप पर भेजा।
नष्ट कर दिया था मोबाइल
एसटीएफ के मुताबिक ईमेल करने के बाद देवेंद्र ने मोबाइल जला दिए थे। एसटीएफ ने मोबाइल नंबर के साथ साथ आईपी एड्रेस ट्रेस कर लिया था, जिसके जरिये देवेंद्र के दफ्तर तक एसटीएफ पहुंची। क्योंकि उसी दफ्तर के वाई-फाई का इस्तेमाल ई-मेल में किया गया था। इस तरह से पूरी साजिश का राजफाश किया गया।
कई बार किया खेल, इस बार धरा गया
पिछले एक साल में देवेंद्र न तीन-चार बार धमकी मिलने का दावा कर अलग-अलग थानों में एफआईआर लिखवाी थी। किसी मामले में कोई तहकीकात नहीं हुई। मामले ने भी तूल नहीं पकड़ा। इसलिए इस बार उसने श्रीराम मंदिर के साथ ही सीएम व एसटीएफ चीफ का नाम जोड़ा। केस में सौहार्द बिगाड़ने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, साजिश रचने, सुबूत मिटाने की धारा बढ़ाई गई है।
दो ई-मेल आईडी यूज की
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने दो ई-मेल आईडी यूज की। एक आईडी आलम अंसारी खान व दूसरी जुबैर खान नाम से थी। दोनों ई-मेल एक ही मोबाइल पर बनाई गईं और इंटरनेट देवेंद्र के कार्यालय के वाई-फाई से इस्तेमाल किया गया। 15 दिसंबर को आलमबाग थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे का भी इसमें राजफाश हो गया। वह मेल भी इन्हीं दोनों ने देवेंद्र के कहने पर किया था।