you will get rid of planetary defects in the horoscope : फाल्गुन पूर्णिमा की रात होली दहन कर अगले दिन गुलाल और अबीर से होली खेली जाती है। इस दिन पूरा वातावरण रंगमय हो जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार रंगों का त्योहार होली 25 मार्च को खेली जाएगी। गुजिया की मिठास और फाल्गुन के मस्त गीत रंगों के इस त्योहार को और भी दिलचस्प बना देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि जातक अपनी राशि के अनुसार होली पर्व को मनाता है तो उसे अपने जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। इससे इसकी कुंडली में व्याप्त ग्रह दोष दूर होते हैं।
लाल रंग
मेष और वृश्चिक दोनों ही मंगल ग्रह की राशियां हैं और लाल रंग इस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इन दोनों राशियों के जातकों को लाल रंग से होली खेलना चाहिए। जो इनके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
गुलाबी रंग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ और तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है जिसका संबंध सफेद और गुलाबी रंग से है। ऐसे में इन दोनों राशि के जातकों को गुलाबी रंग से होली खेलना शुभ होगा।
हरा रंग
इसी प्रकार है मिथुन और कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह है और यह हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है। आपको हरे रंग से होली खेली चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन की विघ्न बाधाएं दूर होंगे।
सिल्वर रंग
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा का संबंध सफेद और सिल्वर रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए कर्क राशि के जातकों को सिल्वर अथवा स्वेत रंग से होली खेलनी चाहिए। इससे आपको मानसिक सुख प्राप्त होगा।
केसरिया रंग
सिंह राशि का स्वामी सूर्य देव हैं। सूर्य ग्रह का संबंध केसरिया रंग से है। इस राशि के जातकों को केसरिया रंग से होली खेलनी चाहिए। ऐसा करने से आपको समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा।
पीला रंग
धनु और मीन राशि का स्वामी देवगुरु बृहस्पति है। इन राशियों के जातकों को पीले रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग आपके अनुकूल है। इससे आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और धन की प्राप्ति होगी।
नीला रंग
मकर और कुंभ राशियों का स्वामी शनि ग्रह है और शनि रंग नीले रंग का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इन दोनों राशियों के जातकों को नीले रंग से होली खेलनी चाहिए।