The medicine made from this plant is a panacea for diabetes patients : अगर आप शुगर की बीमारी से पीड़ित है तो आज की जानकारी आप सभी पाठकों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। मैं आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताऊंगा जो लगभग सभी ने देखा होगा और इससे दूर हटकर निकल जाते होंगे। मगर जब मैं आपको इसके फायदे बताऊंगा तो आप इसको खोजते हुए घूमेंगे। हमारे जीवन में क्या फायदे हैं, और पौधे का कौन कौन सा अंग हमारे काम में आता है तो इसके पत्ते को उल्टा करके अपने पैर के तलवे पर रखकर मोजा पहन लें और दिन भर कहीं भी घूमें शाम को इसको निकाल दे, एक सप्ताह में आपका शुगर लेवल सामान्य हो जाएगा। इसके साथ ही आपका बाहर निकला पेट भी बहुत कम हो जायेगा।
बवासीर के रोगी को मिलता बहुत आराम
आक के पत्तों को मीठे तेल में जलाकर अंडकोष पर बांधने पर अंडकोष की सूजन समाप्त हो जाती है। अगर इसके पत्तों को जला कर उसका धुआं दिया जाय तो बवासीर के रोगी को बहुत आराम मिलता है। इसके पत्तों को गरम कर बांधने से चोट सही हो जाती है, और सूजन भी दूर हो जाती है। इस की जड़ को सुखाकर उसमें काली मिर्च मिला कर पीस लें और छोटी-छोटी गोलियां बना लें और उनका सेवन करने से हर तरह की खांसी दूर हो जाती है।
सभी प्रकार की खुजली भी हो जाती है दूर
जहाँ के बाल उड़ गए हों उस जगह पर इसका ढूध लगाने से बाल निकल आते हैं। इसका दूध आँखों से सदैव दूर रखें । अगर आप खुजली से परेशान हैं तो आक की जड़ों की राख में कडुआ तेल मिलाकर लगाने से सभी प्रकार की खुजली दूर हो जाती है। आक की लकड़ी को एक तरफ से जलाकर दूसरी तरफ से उसका धुआं नाक से खीचनें पर सिर का कैसा भी दर्द हो तुरंत बंद हो जाता है। आक का पत्ता और डंठल को पानी में डालकर उसे पीने से बवासीर ठीक हो जाती है।
नाखूनों पर लगाने से सभी रोग सही हो जाते
आक की जड़ को घिस कर नाखूनों पर लगाने से नाखून के सभी रोग सही हो जाते हैं। आक की जड़ दो सेर लेकर उसको चार सेर पानी में पका लें ,जब आधा पानी रह जाए तब जड़ निकल लें और उस पानी में दो सेर गेहूं छोड़े ,जब पानी सूख जाए तब गेहूं को सुखाकर उनके 250 ग्राम आंटे की रोटी बनाकर उसमे गुड और घी मिलाकर खाने से गठिया और वात रोग जड़ से समाप्त हो जाता है। इसके अलावा भी इसके बहुत से लाभ हैं जिनसे आप अभी तक अनजान होंगे।