शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के भविष्य में राजनीतिक में रहने पर आज श्री अकाल तख्त साहिब ने मीटिंग बुलाई थी। जिसमें उनकी सजा तय की जानी थी। ये मीटिंग में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने सभी विद्वान और बुद्धिजीवियों के विचारों को ध्यान से सुना।
जानकारी के मुताबिक, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह ने हर सिख विद्वान के विचारों को बड़े ध्यान और गंभीरता से सुना। कुछ विद्वानों ने अपने लिखित विचार भी भेजे थे, जिन्हें इस सभा में विचार-विमर्श में शामिल किया गया।
विचार सुनने के बाद सिंह साहिबानों ने कहा कि समय-समय पर पंथ में राष्ट्रीय मुद्दों पर पंथ के विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ विचार-विमर्श की यह परंपरा रही है और इसे आगे भी बनाए रखा जाएगा।
बुलाई जाएगी मीटिंग
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सिख संप्रदायों, संगठनों, सिंह सभाओं और गुरुद्वारा समितियों के साथ भी पंथ के मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए सभा आयोजित की जाएगी। ताकि व्यापक पंथक संदर्भ में कौम की सामूहिक और एकमत राय को सिख संस्थानों के कार्यों का हिस्सा बनाकर पंथ को नए और उज्जवल दिशाओं की ओर ले जाया जा सके। आने वाले दिनों में जत्थेदारों की मीटिंग बुलाने से पहले सिख जत्थेबंदियों की मीटिंग बुलाई जाएगी।
5 तख्तों के साहिबान लेंगे फैसला
जानकारी के मुताबिक, मीटिंग खत्म होने के बाद हरसिमरन सिंह ने कहा कि मीटिंग में क्या बात हुई, इसकी जानकारी वे नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि हमने लिखित में जो बेहतर लगा वो दे दिया है। अब फैसला 5 तख्तों के साहिबान लेंगे। जल्द ही फिर अकाल तख्त साहिब की मीटिंग बुलाई जाएगी। सभी विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने लिखित में अपने अपने सुझाव दिए।
मीटिंग के दौरान ज्ञानी रघबीर सिंह, ज्ञानी हरप्रीत सिंह, ज्ञानी सुल्तान सिंह, एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, सरबजीत सिंह सोहल, डॉ. इंद्रजीत गोगोआनी, अमरजीत सिंह, डॉ. चमकौर सिंह पटियाला शामिल हुए।
सुखबीर बादल तनखैया है घोषित
श्री अकाल तख्त साहिब ने 30 अगस्त 2024 को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था। सुखबीर बादल के विरोधी गुट के नेताओं ने साल 2007 से 2017 के बीच अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान लिए गए कुछ धार्मिक फैसलों पर सवाल उठाए थे। अभी सुखबीर बादल की सजा पेंडिंग है।
कौन होता है तनखैया घोषित ?
सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों का सर्वोच्च तख्त अकाल तख्त साहिब से किया जाता है। तनखैया घोषित होने के बाद संबंधित व्यक्ति सिख संगत के सामने हाजिर होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। इसके अलावा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी हिसाब से दंड तय किया जाता है।
आपको बता दें कि अकाली दल के बागी गुट ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच कर 1 जुलाई को माफीनामा सौंपा था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई।
सुखबीर बादल की चार गलतियां
1. डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत वापस ली गई थी
2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी
3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई
4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ