शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल आज श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हो सकते है। अकाली दल ने अचानक कल कोर कमेटी भंग कर दी थी। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत चल रही है। इसके लिए बागी गुट श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।
सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे। बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए।
सुखबीर बादल ने कल सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट भी डाली थी। अकाली दल के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है।
सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला
कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1 ही सीट मिली
आपको बता दें कि अकाली दल को लोकसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था। लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी।
इस वजह से शुरू हुई बगावत
इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी।
माफीनामे में सुखबीर बादल की 4 गलतियों का जिक्र
बागी गुट ने सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है।