पाकिस्तान स्थित गुरुधामों के दर्शन की चाह रखने वाले सिख श्रद्धालुओं को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, श्री गुरु नानक देव जी के 555वें गुरुपर्व के मौके पर जाने वाले जत्थे में 1481 श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे। पाकिस्तान ने इन तीर्थयात्रियों को वीजा देने से इनकार कर दिया है।
इस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने 2,244 तीर्थयात्रियों के पासपोर्ट दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास को भेजे थे, जिनमें से 1481 को वीजा नहीं दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्रद्धालुओं तोड़ी गई भावनाएं
शिरोमणि कमेटी को हमेशा जत्थे में कोटे के हिसाब से वीजे मिलते थे, लेकिन दुख की बात है कि इस बार इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या में कटौती कर भावनाएं तोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले को पहले भी सरकारों के समक्ष उठा चुके हैं।
2023 में 3 हजार श्रद्धालु दर्शन करने गए थे
दुख की बात है कि पहले से कहीं ज्यादा संख्या में तीर्थयात्रियों को वीजा से दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि इस मामले को दोनों देशों की सरकारों के सामने उठाया जाएगा। साल 2023 में गुरु नानक देव जी की जयंती 25 नवंबर से 4 दिसंबर तक मनाई गई। जिसके दर्शन के लिए भारत से करीब 3 हजार श्रद्धालु गए थे।
पाकिस्तान 1974 के समझौते के तहत वीजा देता है
हर साल, सिख श्रद्धालुओं के समूह गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व, गुरु अर्जन देव जी के शहीदी पर्व और महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि मनाने के लिए पाकिस्तान जाते हैं। इसके लिए पाकिस्तान सरकार 1974 प्रोटोकॉल के तहत हर साल सिख तीर्थयात्रियों को वीजे प्रदान करती है।