पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को सिरसा के पूर्व डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी किया है। वहीं अब इसको लेकर एसजीपीसी ने आपत्ति जताई है। रणजीत सिंह की हत्या के मामले में एसजीपीसी के धर्मप्रचार सदस्य अजायब सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख राम रहीम ने एक वोट के लिए कई बार चुनाव के समय में बाहर आया और कई मामलों में बरी हो गया।
उन्होंने कहा कि उधर बंदी सिंह को न तो रिहा किया जा रहा है और न हीं पैरोल पर भेजा जा रहा है, इस पर अजायब सिंह ने हाईकोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि सीबीआई कोर्ट का फैसला हाईकोर्ट द्वारा खारिज किया है। सीबीआई ने मेहनत के साथ सालों जांच पड़ताल की व तथ्य जुटाएं और दो पक्षों में बहस भी हुई जिसके बाद कोर्ट में जज ने फैसला सुनाया था और सभी को संतुष्टि भी मिली थी।
सुप्रीम कोर्ट से की ये अपील
सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि कहा कि बंदी सिखों को जल्द से जल्द इंसाफ मिले। वहीं उन्होंने कहा कि हरियाणा में कई तरह की वोटों की आढ़ में राम रहीम को पैरोल दी गई है। लेकिन कल के फैसले से बहुत ही बेगानापन का अहसास हुआ है।
2021 में सीबाई ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी
बता दें कि अक्टूबर 2021 में सीबाई ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने बाकी 5 आरोपियों को भी बरी कर दिया है। फिलहाल राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल साल 2002 में 10 जुलाई को डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जब इसकी जांच हुई तो पुलिस ने डेरे को पूरी तरह से क्लीन चिट दे थी। पर रणजीत सिंह का परिवार पुलिस की इस जांच से खुश नहीं था। इसके बाद उनके बेटे जगसीर ने साल 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की और सीबीआई जांच की मांग की।
साल 2003 में सीबीआई को मिली जांच
साल 2003 में सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने अपनी इस जांच में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल कर लिया। जिसके बाद साल 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे।
2021 में आरोपियों को दोषी करार दिया गया
इस मामले की पूरी जांच होने के बाद साल 2021 में राम रहीम समेत 5 आरोपियों को दोषी पाया गया। जिसके बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। इसी मामले में आज हाईकोर्ट ने राम रहीम को बरी किया है।
अभी भी जेल में ही रहेंगे राम रहीम
हाईकोर्ट से भले ही राम रहीम को रणजीत सिंह मर्डर केस में जमानत मिल गई है। पर बावजूद इसके उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। क्योंकि राम रहीम पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के साथ यौन शोषण के केस में 10-10 साल की सजा मिली हुई है।