पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित रिजाइन देने के बाद बॉर्डर एरिया के दौरे पर हैं। 20 से 23 फरवरी तक गवर्नर पंजाब में नशे खिलाफ चलाए गए अभियान के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
गवर्नर पुरोहित बीते ढाई सालों में ये छठा दौरा है। 20 से 23 फरवरी तक पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का के बॉर्डर जिलों में जाएंगे। मंगलवार को वह फाजिल्का पहुंच रहे हैं। फाजिल्का के गांव मिड्डा में वे विलेज डिफेंस कमेटी के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे। गवर्नर पुरोहित इस यात्रा में अपने पिछले 5 दौरों के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करने वाले हैं।
पंजाब के DGP भी होंगे साथ
उनके इस दौरे से स्पष्ट हो गया है कि उनका इस्तीफा अभी तक एक्सेप्ट नहीं किया गया है। इसके लिए वे केंद्रीय एजेंसियों और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठकें भी करने वाले हैं। इस दौरे में उनके साथ मुख्य सचिव, डीजीपी पंजाब, बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के अधिकारी, सेना अधिकारी, NIA से अधिकारी और बीएसएनएल के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच रहे हैं।
रिजाइन के बाद पहली विजिट
गवर्नर पुरोहित की ये 3 फरवरी को रिजाइन देने के बाद पहली विजिट है। इस दौरे की घोषणा से स्पष्ट हो गया है कि वह इस पद पर लंबे समय बने रह सकते हैं।
2022 के कार्यक्रम से शुरू हुआ विवाद
बनावारी लाल पुरोहित हमेशा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंंत मान के साथ विवाद में सुर्खियों में रहे हैं। दोनों के बीच सबसे पहली तकरार चंडीगढ़ में अक्टूबर 2022 में आयोजित एयरफोर्स डे के दिन से शुरू हुई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति भी मौजूद थीं।
भगवंत मान के कार्यक्रम में न आने पर गवर्नर भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि ये उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी थी। इसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया।
4 बिलों की मंजूरी न देने पर भी विवाद
19-20 जून 2022 को बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन में पंजाब सरकार ने 4 बिल पास कर मंजूरी के लिए गवर्नर को भेजे थे। इनमें द सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल, पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, पंजाब यूनिवर्सिटी लॉ अमेंडमेंट बिल और पंजाब एफिलिएटेड कॉलेज (सेवाओं की सुरक्षा) संशोधन बिल शामिल थे। गवर्नर ने एक्सपर्ट की राय पर इन चारों बिलों और स्पेशल सेशन को गैरकानूनी ठहरा दिया।