PM Modi candor amid Lok Sabha elections and expressed his opinion openly : लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को लेकर जो कहा है, वह बड़े साहस की बात है। पीएम मोदी ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा कि उनके जीवन में सैकड़ों घटनाएं हैं मगर वह इसकी मार्केटिंग नहीं करते। वह वोट बैंक के लिए काम नहीं करते। वह सबका साथ, सबका विकास में विश्वास रखते हैं। वह कभी हिंदु-मुसलमान नहीं करते हैं और जिस दिन वह करेंगे, उस दिन से वह सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रह जाएंगे। इंटरव्यू में पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने ज्यादा बच्चा पैदा करने वाली बात मुस्लिमों के लिए नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि मैंने न हिंदू का नाम लिया था और न मुसलमान का। मैंने यह गरीबों के लिए कही थी तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कैसे अलग-अलग मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है।
आज भी मेरे बहुत सारे दोस्त मुस्लिम
मुस्लिमों संग अपने रिश्तों को लेकर पीएम मोदी ने कहा पहली बात यह है कि यह मुद्दा मुसलमान का नहीं है। निजी तौर पर मुसलमान कितना भी मोदी के साथ होगा, लेकिन एक निश्चित विचार प्रभाव है, जो उनको आदेश करता है कि आप ये करो-वो करो। उसके आधार पर वह निर्णय करता है। मेरा जो घर है न, मेरे अगल-बगल में सारे मुस्लिम परिवार हैं। हमारे घर में ईद भी मनती थी। हमारे घर में और भी त्योहार होते थे। हमारे घर में ईद के दिन खाना नहीं बनता था। सारे मुस्लिम परिवारों से मेरे यहां खाना आ जाता था। जब मुहर्रम निकलता था, तब हमारा ताजिये के नीचे से निकलना अनिवार्य होता था। हमें सिखाया जाता था। मैं उस दुनिया से पला बढ़ा हूं। आज भी मेरे बहुत सारे दोस्त मुस्लिम हैं।
मां खुश, बदल गया बच्चों का जीवन
पीएम मोदी ने कहा, '2002 के बाद मेरी छवि बहुत खराब कर दी गई। गोधरा के बाद. मैंने सोचा कि जरा रियलिटी जाननी चाहिए। मैंने हमारे 30 कार्यकर्ताओं का एक ट्रेनिंग कैंप एक्वायर किया और उन्हें सर्वे करना सिखाया। आंकड़ों वाला नहीं, बातचीत करने वाला सर्वे। अहमदाबाद में एक माणिक चौक करेक एक जगह है। वहां शाम को लोग खाना खाने जाते हैं। मैं ये 2002 की बात कर रहा हूं। सर्वे वाला फिर कहता था कि मोदी बैठा है यार और दिवाली… तब जवाब आता था कि हे भगवान, मोदी का नाम मत लेना। इसकी मां सुनेगी तो रात का खाना नहीं देगी। पूछा क्यों, तो कहा कि अरे मोदी नहीं आया था तो तब तक स्कूल नहीं जाता था। मोदी आया है तो स्कूल जा रहा है। मेरे यहां दुकान पर मदद कर रहा है। मां इतनी खुश थी कि मोदी के आने के बाद बच्चों का जीवन बदल गया। करीब 90 फीसदी दुकानवालों का यही जवाब था।
अब रेगुलर बिजली, दादागिरी नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मुझे एक बार मुस्लिम महिला मिलने आई। बहुत बधाई दे रही थी। कुछ अपेक्षाएं लेकर आई थीं। वह जोहापुरी से आई थी, जहां तीन-चार लाख मुसलमान हैं। मैंने पूछा, कोई तकलीफ है क्या, पुलिसवाला या सरकार परेशान करती है क्या? बोली नहीं-नहीं साहब, हम तो आपका अभिनंदन करने आए हैं। आपने बिजली का काम किया है। वह बहुत अच्छा काम किया है। मैंने कहा कि वो तो मैंने बहुत बुरा किया। मैंने तो 35 किलोमीटर केबल उखाड़कर फेंक दिया है और वहां कोई सरकारी आदमी नहीं जा पाता था। वो बोली वही तो अच्छा काम किया है सर आपने. मैंने कहा कि कैसे, बोली नहीं साहब, हमारे हर मोहल्ले में बिजली मंत्री हैं और वो बिजली देकर हमसे पेमेंट लेते थे। सरकार की बिजली चोरी करके हमको बेचते थे। अब रेगुलर बिजली आती है। कोई दादागिरी नहीं होती इसलिए हम यहां आए हैं।
वोटबैंक के लिए काम नहीं करता
उन्होंने कहा, 'पहले मेरे ऊपर अखबारों में होता था मोदी ने जुल्म कर दिया। केबल काट दिये। दरअसल मैंने उनका भला किया। ऐसी मेरे जीवन में सैकड़ों घटनाएं हैं, मगर मैं इसका मार्केटिंग नहीं करता। मैं वोट बैंक के लिए काम नहीं करता। मैं सबका साथ, सबका विकास में विश्वास रखता हूं। ज्यादा बच्चों वाले बयान पर पीएम मोदी ने कहा, 'ज्यादा बच्चों वाली बात कहकर आप मुसलमानों के साथ क्यों अन्याय करते हैं। हमारे यहां गरीब परिवारों में भी यही हाल है। बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। जहां गरीबी है। वहीं ज्यादा बच्चे हैं। मैंने न हिंदू कहा है और न मुसलमान कहा है। मैंने कहा है कि भाई आपके उतने बच्चे हों, जिसका लालन-पालन आप कर पाएं। सरकार को करनी पड़े, ऐसी स्थिति न करो। मैं जिस दिन हिंदू-मुसलमान करूंगा, उस दिन सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा और मैं हिंदू-मुसलमान नहीं करूंगा।