पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हर रोज सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। हाईकोर्ट ने अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय से पूछा है कि कैट- 2 लैंडिंग सिस्टम होने के बावजूद इस संख्या को बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
2015 में दायर हुई थी याचिका
चंडीगढ़ एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कम संख्या होने को लेकर मोहाली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने 2015 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई की शुरुआत में हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ से एयरपोर्ट तक के छोटे रूट पर एयरफोर्स से जवाब मांगा। वायु सेना कुछ शर्तों के साथ मार्ग के लिए .98293 हेक्टेयर भूमि सौंपने पर सहमत हुई।
सिर्फ शारजाह और दुबई के लिए फ्लाइट्स
जिसके बाद कोर्ट ने कहा है कि छोटे रूट पर लंबे समय से बहस चल रही है, लेकिन मुख्य मुद्दा जो कि एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने का था, उस पर लंबे समय से चर्चा नहीं हुई है। हाईकोर्ट ने पाया कि एयरपोर्ट से सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं जो शारजाह और दुबई के लिए हैं।
अमृतसर पर 14 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
हाईकोर्ट का कहना है कि एयरपोर्ट पर कैट-2 सिस्टम लगे होने को 18 महीने हो गए हैं, लेकिन इंटरनेशनल उड़ानें बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा है कि अमृतसर स्थित एयरपोर्ट से हर रोज 14 इंटरनेशनल उड़ानें आती हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो राज्यों की राजधानियों में पूरी तरह से सुसज्जित एयरपोर्ट से सिर्फ 2 उड़ानें प्रस्थान करती हैं।
हाईकोर्ट ने अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सैक्रेटरी को हलफनामा दाखिल कर उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने के आदेश दिया है।
2014 में बना था एयरपोर्ट
आपको बता दें कि यह एयरपोर्ट 2014 में बनकर तैयार हो गया था, इसके बावजूद यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित न होने पर मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसके बाद कई आदेश जारी हुए लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने इस पर चिंता जताई है और केंद्र और पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।
क्या होता है कैट-2 सिस्टम
एयरपोर्ट पर कैट-2 सिस्टम, विमानों को कम विज़िबिलिटी में लैंड करने में मदद करने वाला एक नेविगेशन सिस्टम है। यह सिस्टम, घने कोहरे और खराब मौसम में विमानों को उतारने में मदद करता है। कैट-2 और कैट-3 दृष्टिकोण निर्णय ऊंचाई निर्धारित करने के लिए रेडियो अल्टीमीटर (RA) का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, कैट-1 निर्णय ऊंचाई के लिए सिर्फ़ अल्टीमीटर संकेतों पर निर्भर करता है।