राजनीतिक रैलियों में सरकारी बसों के इस्तेमाल को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। राज्य सरकार की ओर से रैलियों और सरकारी कार्यक्रमों में पंजाब रोडवेज की बसों के इस्तेमाल को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।
रैलियों में सरकारी बसों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग
दरअसल, सरकारी रैलियों में सरकारी बसों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता माणिक गोयल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी बसों को सवारी की जगह रैलियों के लिए इस्तेमाल करने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को उनके रूटों पर बसे नहीं मिलती जिससे उन्हें परेशानी होती है। लोग कई कई घंटे तक बसों का इंतजार करते हैं। इस बीच याचिकाकर्ता ने मांग की कि ऐसी नीति बनाई जाए ताकि राजनीतिक रैलियों में कार्यकर्ताओं को लाने और ले जाने के लिए सरकारी बसों का इस्तेमाल किया जाए। इन दलीलों के बाद होईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।
करोड़ों का हो रहा नुकसान
आपको बता दें कि यह मुद्दा कई बार बस कर्मचारियों ने भी उठाया है। फरवरी महीने मे कच्चे कर्मचारियों ने बताया था कि सरकारी बसों के रैलियों में जाने से विभाग को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि इस मामले में अकेले फरीदकोट डिपो को एक दिन में करीब आठ लाख का नुकसान हो सकता है।
52 सीटों पर केवल 52 यात्रियों को ही बैठाया जाएगा
दरअसल पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने घोषणा की थी कि सरकारी बसों में 52 सीटों पर केवल 52 यात्रियों को अनुमति दी जाएगी और उन्होंने सरकारी बसों को रैलियों में नहीं भेजने का फैसला किया था।