नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट(NEET) पेपर लीक मामले में आज 38 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में तीसरी सुनवाई होनी है। वहीं इससे पहले सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीबीआई पेपर लीक गिरोह के सॉल्वर्स कनेक्शन तक पहुंच गई है और पटना एम्स के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है।
तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स
सीबीआई तीनों डॉक्टरों को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है और ये तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स हैं। CBI ने इन तीनों डॉक्टरों का कमरा भी सील कर दिया है और इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है।
CBI ने NEET पेपर लीक होने से लेकर उसे सेटिंग वाले अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का पूरा नेटवर्क जोड़ा है। पेपर ले जाने वाले ट्रक से पर्चा उड़ाने वाले पंकज को भी सीबीआई पकड़ चुकी है जिसका हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से कनेक्शन मिला था। हजारीबाग के इसी स्कूल से पेपर संजीव मुखिया तक पहुंचा था।
16 जुलाई को 2 लोगों को गिरफ्तार किया था
मंगलवार(16 जुलाई) को ही नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने पटना से पंकज कुमार और झारखंड के हजारीबाग से राजू सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया। पंकज पर हजारीबाग में ट्रक से से पेपर चोरी करने और आगे बांटने का आरोप है। वहीं राजू सिंह ने पेपर को आगे लोगों को देने में मदद की थी।
जानकारी के मुताबिक, पंकज सिविल इंजीनियर है और झारखंड के बोकारो का रहने वाला है। इसी ने हजारीबाग से ट्रंक से पेपर चोरी किया था और आगे बांटा था। वहीं, पेपर आगे बांटने में राजू सिंह ने मदद की थी। पंकज पेपर चोरी करने में मास्टरमाइंड है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पंकन कुमार उर्फ आदित्य कुमार ने ट्रंक से पेपर चोरी किया था और आगे अपने गैंग के लोगों बांटा था। एनटीए ने इसी ट्रक से पेपर अलग-अलग सेंटर्स तक पहुंचाया था।
सीबीआई ने दूसरी गिरफ्तारी राजू नाम के शख्स की की। राजू को झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया है। राजू को पंकज के जरिए पेपर मिला और राजू ने भी पेपर बांटा था। NEET केस में ये दोनों गिरफ्तारी बेहद अहम मानी जा रही हैं। पंकज की गिरफ्तारी से ये पूरी तरह साफ हो गया की पेपर लीक हुआ था।
पेपर लीक का मास्टरमाइंड फरार
NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अभी फरार चल रहा है, मुखिया पेपर लीक करवाने का सबसे बड़ा माफिया है, बिहार के अलावा देश के अलग अलग राज्यों में फैले पेपर लीक माफियाओं से संजीव मुखिया की सांठगांठ है, मुखिया कई पेपर लीक करवा चुका है.
क्या था पूरा मामला?
4 जून को नीट यूजी पेपर का रिजल्ट सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थियों में खलबली मची हुई है। रिजल्ट देखने के बाद 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट में देखने के बाद स्टूडेंट्स को पेपर में धांधली का संदेह था। इसके बाद स्टूडेंट्स ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर एनटीए के खिलाफ जांच की मांग उठाई।
23 जून को हुआ था रिएग्जाम
सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं और इस बीच कोर्ट के सामने NTA ने फैसला लिया कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का दोबारा एग्जाम करवाएंगे। 23 जून को परीक्षा हुई और टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए।